अयोध्या: राम मंदिर निर्माण में टाइम कैप्सूल का इस्तेमाल वाली बात निकली फर्जी

punjabkesari.in Tuesday, Jul 28, 2020 - 03:44 PM (IST)

अयोध्या: अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए आगामी 5 अगस्त को भूमि पूजन किया जाएगा। इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत 200 अतिथि शामिल होंगे। भूमि पूजन के बाद मंदिर निर्माण तेजी से शुरू हो जाएगा। 

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इसी बीच जो एक और बात इन दिनों चर्चा में है वो है राम मंदिर के नीचे लगने वाला टाइम कैप्सूल। दरअसल सोशल मीडिया पर खबरें हैं कि टाइम कैप्सूल अयोध्या में राम मंदिर की नींव में 200 फीट नीचे लगाया जाएगा। हालांकि अयोध्या से महामंत्री चंपत राय ने इन खबरों का खंडन किया और कहा कि ऐसा कुछ नहीं होने जा रहा है। मंदिर के नीच कोई टाइम कैप्सूल नहीं लगाया जाएगा। काल्पनिक बाताें का लाेग भराेसा न करें। 

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क्या होता है टाइम कैप्सूल?
टाइम कैप्सूल एक कंटेनर की तरह होता है जिसे विशिष्ट सामग्री से बनाया जाता है। टाइम कैप्सूल में हर तरह के मौसम का सामना करने की सक्षमता होती है। इसे जमीन के अंदर काफी गहराई में दफनाया जाता है। गहराई में होने के बावजूद भी हजारों साल तक न तो टाइम कैप्सूल को कोई नुकसान पहुंचता है और न ही वह सड़ता-गलता है। इसमें किसी काल की सामाजिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक स्थिति का उल्लेख होता, खासकर तब का जब उस भवन या मूर्ति का निर्माण हो रहा हो। भारत में पहले भी ऐसे टाइम कैप्सूल ऐतिहासिक महत्व की इमारतों की नींव में डाले जा चुके हैं। 30 नवंबर, 2017 में स्पोन के बर्गोस में करीब 400 साल पुराना टाइम कैप्सूल मिला था। यह यीशू मसीह के मूर्ति के रूप में था। मूर्ति के अंदर एक दस्तावेज था जिसमें 1777 के आसपास की आर्थिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक सूचना थी।


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Ajay kumar

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