हाथरस मामले में सक्रियता को लेकर भीम आर्मी सवालों के घेरे में,जांच एजेंसियां हुई सक्रिय

punjabkesari.in Friday, Oct 09, 2020 - 08:00 PM (IST)

सहारनपुर: पश्चिमी उत्तर प्रदेश के हाथरस में हैवानियत की शिकार पीड़तिा के मामले में भीम आर्मी अति सक्रियता के चलते जांच एजेंसियों के निशाने पर आ गयी है। पिछली 16 सितम्बर को हाथरस के चंदपा क्षेत्र के एक गांव में बाल्मिकी युवती के साथ गैंगरेप और हत्या के आरोपी राजपूत बिरादरी के चार युवक अलीगढ़ जेल में बंद है।

इस पूरे मामले को लेकर विपक्षी दलों के साथ साथ सहारनपुर के कस्बा छुटमलपुर निवासी भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर की सक्रियता सवालों के घेरे में आ गई है। पुलिस और जांच एजेंसियों ने हाथरस मामले को लेकर प्रदेश में हिंसा और दंगे की साजिश करने के बड़े मामले का खुलासा किया है। एक पत्रकार समेत पीएफआई के चार सदस्यों को गिरफ्तार किया है।

उसी संदर्भ में जांच एजेंसियों को जांच में यह तथ्य भी सामने आए हैं कि पीएफआई की ओर से भीम आर्मी को मोटी रकम दी गई है। इसकी जांच भी की जा रही है। विश्वस्त सूत्रों ने बताया कि खुफिया एजेंसियों की ओर से यह खुलासा किया गया कि सहारनपुर के एक खनन माफिया और एक राजनीतिक दल के एक नेता द्वारा भी भीम आर्मी को उसकी गतिविधियां चलाने के लिए बड़े पैमाने पर मोटी रकम दी जाती रही है। इस मामले में ईडी मनी लांडिंर्ग का केस दर्ज करने जा रही है।

ज्ञातव्य है कि यूपी में साढ़े तीन साल पहले जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में भाजपा की सरकार बनी थी उसके कुछ दिन बाद ही महाराणा प्रताप की जयंती को मनाने को लेकर राजपूत बहुल देवबंद विधानसभा क्षेत्र के एक बड़े गांव शब्बीरपुर में जातीय हिंसा की बड़ी वारदात हुई थी। उस गांव में हिंसा के पहले दि नही देवबंद कोतवाली के गांव रसूलपुर टांक निवासी एक राजपूत युवक की गांव के दलितों द्वारा पत्थरों से हमला करने के दौरान उसकी जान चली गई थी। उसकी प्रतिक्रिया में गांव के दूसरे वर्ग ने दलितों के घरों और खेतों को आग के हवाले कर दिया था और कई दलितों के ऊपर हमला कर घायल कर दिया गया था।


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Ramkesh

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