बिकरू कांड मामले में Khushi Dubey को मिली बड़ी राहत, सशर्त सुप्रीम कोर्ट ने दी जमानत

punjabkesari.in Wednesday, Jan 04, 2023 - 01:41 PM (IST)

कानपुर: Bikeru case चर्चित बिकरू कांड एनकाउंटर में ढेर अमर दुबे की पत्नी खुशी दुबे Khushi Dubeyको सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी राहत दी है। सुप्रीम कोर्ट ने खुशी दुबे को सशर्त जमानत दे दी है। कोर्ट ने आदेश में कहा कि खुशी दुबे को स्थानीय थाने में हफ्ते में एक दिन हाजिरी लगानी होगी, दरअसल,  खुशी दुबे ने उत्तर प्रदेश की शीर्ष अदालत में जमानत की याचिका दाखिल की थी। जिसके विरोध में उत्तर प्रदेश सरकार ने तर्क देते हुए कोर्ट को बताया कि वह गिरोह को सक्रिय कर सकती है. हालांकि इस पर कोर्ट ने कहा कि घटना के समय उसकी उम्र 17 साल से भी कम थी।  यूपी सरकार की तरफ से जेल की रिपोर्ट सौंपी गई जिसमें  खुशी का व्यवहार ठीक नहीं था दूसरे कैदियों के साथ उन्होंने झगडे किए थे। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने  कहा कि अब इस केस में ट्रायल शुरू हो गया है, इसलिए अब उसे जेल में रखने की जरूरत नहीं है।

PunjabKesari

जानिए क्या है पूरा मामला?
बता दें कि दो जुलाई 2022 की रात को कानपुर में विकास दुबे और उसके गैंग के साथ मुठभेड़ में आठ पुलिसकर्मियों की मृत्यु हो गई। इसमें एक पुलिस उपाधीक्षक भी शामिल थे। इस मामले में उत्तर प्रदेश पुलिस ने चार जुलाई को चौबेपुर थाने के प्रभारी को निलंबित कर दिया। इसी दिन अधिकारियों की टीम ने गांव में पहुंचकर गैंगस्टर के घर को ढहाना शुरू कर दिया। पुलिस ने दुबे के साथी दया शंकर अग्निहोत्री को कल्याणपुर(कानपुर) से गिरफ्तार कर लिया। अग्निहोत्री को मुठभेड़ के बाद पांच जुलाई को तड़के गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने अग्निहोत्री के पैर में गोली मारी थी। उस पर 25 हजार रुपए का इनाम था।

PunjabKesari

मुठभेड़ में विकास दुबे के दो गुर्गों पुलिस ने किया था ढेंर
 नौ जुलाई को उत्तर प्रदेश में अलग-अलग मुठभेड़ों में विकास दुबे के दो गुर्गों को ढेर कर दिया गया। ये दोनों कानपुर में आठ पुलिसकर्मियों के मारे जाने के मामले में वांछित थे। कार्तिकेय उर्फ प्रभात कानपुर में उस वक्त मारा गया, जब वह पुलिस हिरासत से भागने की कोशिश कर रहा था। वहीं विकास दुबे के गैंग का एक और सदस्य प्रवीण उर्फ बौवा दुबे इटावा में मुठभेड़ में मारा गया।

विकास दुबे घटना था मास्टरमाइंड
 कानपुर में बरर क्षेत्र में पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने आठ पुलिस कर्मियों की हत्या के मुख्य आरोपी विकास दुबे को मार गिराया। पुलिस सूत्रों ने बताया कि उज्जैन से कानपुर ला रही पुलिस का वाहन बरर क्षेत्र के अंतर्गत कानपुर भौती मार्ग में पलट गया। हादसे के बाद भाग रहे विकास की पुलिस की गोली लगने से मृत्यु हो गई।

PunjabKesari

बिकरू कांड की जांच में डीआईजी अनंत देव सहित 13 पुलिसकर्मी दोषी
इस मामले में एसआईटी (SIT) की जांच में पुलिस विभाग के अफसरों की विकास दुबे से मिलीभगत और लापरवाही का जिक्र किया गया है। वहीं पूर्व जस्टिस डॉ बीएस चौहान की अध्यक्षता में बने न्यायिक आयोग ने डीआईजी अनंत देव सहित 13 राजपत्रित पुलिसकर्मियों को दोषी ठहराया है। आयोग ने अपनी जांच में डीआईजी अनंत देव, डीएसपी सूक्ष्म प्रकाश, आरके चतुर्वेदी, करुणा शंकर राय, पासपोर्ट नोडल अफसर अमित कुमार, नंदलाल प्रताप, हरेंद्र कुमार, सुंदरलाल,  प्रेम प्रकाश, रामप्रकाश, सुभाष चंद्र और लक्ष्मी निवास दोषी पाया है।

PunjabKesari

कर्मचारियों ने विकास दुबे को सहयोग देते रहे- न्यायिक आयोग
आयोग ने जांच में ये कहा है कि इन अधिकारियों और कर्मचारियों ने विकास दुबे के साथ नरमी बरती। उसे सहयोग देते रहे। आयोग की जांच में ये भी सामने आया कि विकास दुबे पर दर्ज केसों में से 21 केसों की फाइलें लापता है। इनमें से 11 फाइलें कानपुर देहात के शिवली थाने की है, 4 फाइलें कानपुर के कल्याणपुर थाने की, 5 चौबेपुर की और 1 बिल्हौर की फाइल शामिल है। इन 21 फाइलों में विकास पर 1991 में दर्ज किए गए पहले मुकदमे की फाइल भी शामिल है।

अफसरों पर पुलिस विभाग की छवि धूमिल करने के लगे आरोप
जांच रिपोर्ट में न्यायिक आयोग ने लिखा है कि अफसरों के इन कृत्यों से पुलिस विभाग की छवि धूमिल हुई है। वहीं, शासन की विश्वसनीयता प्रभावित हुई है। इसीलिए सभी पर अखिल भारतीय सेवाएं आचरण सेवा नियमावली-1968 और उत्तर प्रदेश सरकारी कर्मचारी आचरण नियमावली 1956 के तहत कार्रवाई की संस्तुति की गई है। इस मामले में 34 आरोपियों पर पुलिस ने गैंगस्टर की कार्रवाई की है। 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Ramkesh

Recommended News

Related News

static