मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में बड़ा घोटाला: अधिकारियों ने 10-10 हज़ार लेकर 34 महिलाओं की दोबारा करा दी शादी!

punjabkesari.in Monday, Aug 12, 2024 - 07:53 PM (IST)

सुल्तानपुर: उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में एक-दो नहीं पूरे जिले में 34 मामले ऐसे प्रकाश में आए हैं जहां दो-दो बच्चों की मांओ को मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना का लाभ दे दिया गया। मामला जब उजागर हुआ तो अधिकारियों के हाथ पाव फूल गए। समाज कल्याण अधिकारी ने घोर लापरवाही बरती है तूल  पकड़ते देख डीएम ने ग्राम विकास अधिकारी को निलंबित और एडीओ पर कार्रवाई की संस्तुति कर जांच के आदेश दिए है।

12 जुलाई को कुड़वार ब्लॉक में 67 जोड़ों ने योजना के तहत रचाई थी शादी
दरअसल, 11 जुलाई को बल्दीराय विकास खंड में 81 और 12 जुलाई को कुड़वार ब्लॉक में 67 जोड़ों की मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत शादियां कराई गई। दोनों ही स्थानों पर सरकारी धन का बड़े स्तर पर बंदर बाट हुआ। बल्दीराय के महुली गांव की सरिता व शांति ननद-भौजाई हैं। सरिता की शादी लगभग आठ वर्ष पूर्व राजू के साथ हुई, उसे दो पुत्र हैं। बड़ा पांच वर्ष का और व छोटा लगभग सात माह का है। 12 जुलाई को कुड़वार में सरिता की शादी उसके अपने पति से ही करा दी गई। शांति पुत्री भगेलू की भी इसी दिन शादी कराई गई।

लाभान्वित करने के अधिकारियों ने 10-10 हजार रुपये की ली रिश्वत
हालांकि पांच वर्ष पूर्व उमरा गांव में उसकी शादी हो चुकी है, और उसे एक साल का बेटा भी है। महुली गांव निवासी रामावती की पुत्री उमा की शादी दो वर्ष पूर्व बल्दीराय में कराई गई थी। 12 जुलाई को फिर उसकी शादी कुड़वार ब्लॉक में करा दी गई। अबतक उसे पैसा भी नहीं दिया गया है। भखरी निवासी दुखछोर की पुत्री रीतू की शादी गौरापरानी गांव में हुई है। 11 जुलाई को उनकी शादी फिर उन्हीं के पति से बल्दीराय ब्लॉक में करा दी गई। महुली निवासी गुड़िया (42वर्ष) पुत्री श्रीराम, क्रांति (38वर्ष) पुत्री श्रीप्रसाद, मंजू (32वर्ष) पुत्री शोभनाथ की शादी भी कराई है। महिलाओं ने स्वीकार किया है कि शादी कराकर लाभान्वित करने के लिए उनसे 10-10 हजार रुपये लिए गए हैं।

आवेदन का अधिकारियों ने नहीं किया सत्यापन
महिलाओं से पैसे लेने वाली कंचन मनरेगा महिला मेट है। वो पूर्व में समूह में भी कार्य कर चुकी है। महुली ग्राम सभा की मनरेगा मेट की माने तो शादी के लिए आए आवेदन पत्र की पात्रता का सत्यापन होना कोई जरूरी नहीं है। उसका दावा है कि जितना लोग चाहोगे सबकी शादी करवा दी जाएगी। सूत्रों की माने तो कंचन सीधे सहायक विकास अधिकारी समाज कल्याण अभिषेक गिरी के माध्यम से इन अपात्र महिलाओं की शादी दस हजार रुपए लेकर करवाती है। जिसे ऊपर तक देने की बात उसने महिलाओं से बताई है।

ग्राम पंचायत सचिव बोले- पात्रता सत्यापन उनसे नहीं कराया गया
ग्राम पंचायत सचिव राहुल यादव की बातों से भी होता है। उनका कहना है कि नियमानुसार होने वाला पात्रता सत्यापन उनसे नहीं कराया गया है। कहने को महुली ग्राम पंचायत में चौबीस व भखरी में दस शादियां 11 व 12 जुलाई को बल्दीराय तथा कुड़वार ब्लॉक में हुई है लेकिन पोर्टल की भखरी की दस लाभार्थियों की सूची में भी महुली की चार-पांच महिलाएं हैं। भखरी प्रधान प्रतिनिधि सूरज वैश्य व महुली प्रधान प्रतिनिधि शिव सिंह ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि इसके सत्यापन में पहले सचिव लोग सही गलत की हम लोगों से जानकारी करते थे, लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ है।


नियमानुसार पोर्टल पर आए आवेदन को खंड विकास अधिकारी के पास एडीओ समाज कल्याण भेजते हैं, जिसका सत्यापन बीडीओ ग्राम सचिव से करवाकर तब ऑनलाइन रिपोर्ट करते हैं। लेकिन राहुल यादव का कहना है कि हमसे कोई सत्यापन नहीं कराया गया है। वहीं जिला समाज कल्याण अधिकारी अमित सिंह ने कहा कि शादी का आवेदन ऑनलाइन होता है और उसकी जांच खंड विकास अधिकारियों की ओर से पंचायत सचिवों से कराई जाती है। सत्यापित रिपोर्ट बीडीओ की मिलने के बाद ही शादी कराई जाती है।

उधर इस मामले में फौरी तौर पर महुली ग्राम विकास अधिकारी राहुल यादव को निलंबित कर दिया गया है। जिला विकास अधिकारी अजय कुमार पांडेय के अनुसार प्रथम दृष्टया उन्हें सामूहिक विवाह के लिए बनी सूची के सत्यापन का दोषी माना गया है। उन्हें कूरेभार ब्लाक से संबद्ध किया गया है। कुड़वार खंड विकास अधिकारी नीलिमा गुप्ता को जांच अधिकारी नामित किया गया है। जिला समाज कल्याण अधिकारी अमित कुमार सिंह ने बताया कि बल्दीराय में सहायक विकास अधिकारी समाज कल्याण का प्रभार संभाल रहे अभिषेक गिरि के निलंबन के लिए डीएम के आदेश पर सीडीओ के माध्यम से शासन से संस्तुति की गई है।


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Content Writer

Ramkesh

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