राम मंदिर जमीन खरीद में बड़ा घोटालाः 10 मिनट में 2 करोड़ के कैसे हो गए 18 करोड़?

punjabkesari.in Sunday, Jun 13, 2021 - 06:59 PM (IST)

अयोध्याः करोड़ों लोगों की आस्था के प्रतीक भगवान श्री राम के भव्य मंदिर निर्माण के लिए जमीन खरीद को लेकर समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक पवन पाण्डेय ने कागजातों के साथ बड़े घोटाले का आरोप लगाया है। पांडेय ने कहा पहले 2 करोड़ में जमीन का रजिस्टर्ड एग्रीमेंट कराया और 10 मिनट बाद ही 18.5 करोड़ में मंदिर ट्रस्ट को बेच दी गई । इतना ही नहीं दोनों कागजों में एक ही गवाह मंदिर ट्रस्ट में शामिल अनिल मिश्रा व अयोध्या में ऋषिकेश उपाध्याय की दस्तखत है।

उन्होंने बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि 2 करोड़ में जमीन का रजिस्ट्री हुआ और उसी दिन फिर साढ़े 18 करोड़ में एग्रीमेंट। एग्रीमेंट और बैनामा दोनों में ही ट्रस्टी अनिल मिश्रा और मेयर ऋषिकेष उपाध्याय गवाह हैं। उन्होंने आगे कहा कि 18 मार्च 2021 को ही करीब 10 मिनट पहले बैनामा भी हुआ और फिर एग्रीमेंट भी, जिस जमीन को दो करोड़ में खरीदा गया उसी जमीन का 10 मिनट बाद साढ़े 18 करोड़ में एग्रीमेंट क्यों हुआ?

पांडेय ने कहा कि सबने राम मंदिर बनाने के लिए चंदा दिया लेकिन उसमें भी घोटाला किया गया। राम मंदिर के नाम पर जमीन खरीदने के बहाने राम भक्तों को ठगा जा रहा है। उन्होंने यह भी दावा किया है कि जमीन खरीदने का सारा खेल मेयर और ट्रस्टी को मालूम था और 17 करोड़ अरिटीजीएस कर दिया इसके बाद औने पौने दाम की जमीन को 18 करोड़ पचास लाख में खरीद ली गयी। 1.208 हेक्टेयर जमीन का बैनामा और एंग्रीमेंट हुआ बाबा हरिदास ने सुल्तान अंसारी और रवि मोहन तिवारी को बेचा और उसी को ट्रस्ट ने खरीदा। चंपत राय ने घोटाला किया हैं।

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जो जमीन खरीदनी थी उसका स्टाम्प पहले ही खरीद लिया गया जबकि बेचने वाले ने बाद में खरीदा। राम के नाम पर जिन लोगो ने चंदा दिया उसको आघात मिला हैं। मैं मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सरकार से अपील करता हूं की ईडी और सीबीआई को लगा कर इसकी जांच करवाएं और आरोपियो को जेल भेजा जाए। ट्रस्ट ने बिना किसी बोर्ड की बैठक किये फैसला कर लिया। सबको इंतजार है पीएम साहब की करोड़ो लोगों की आस्था व करोड़ो की हेर फेर करने वालों पर क्या कार्यवाई की जाती हैं।


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Content Writer

Moulshree Tripathi

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