कांग्रेस में शामिल होते ही पूर्व सांसद रवि प्रकाश वर्मा ने बोला बड़ा हमला, कहा- देश को बर्बादी की कगार पर लेकर आ गई है भाजपा
punjabkesari.in Tuesday, Nov 07, 2023 - 07:22 PM (IST)

लखनऊ: समाजवादी पार्टी से तीन बार लोकसभा व एक बार राज्यसभा सदस्य रहे रवि प्रकाश वर्मा व उनकी पुत्री डॉ. पूर्वी वर्मा ने सोमवार को प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण कर ली। प्रदेश अध्यक्ष पूर्व मंत्री अजय राय की उपस्थिति में इन नेताओं को सदस्यता दिलाई गई। इस मौके पर पूर्व ब्लाक प्रमुखों, जिला पंचायत सदस्यों, प्रधानों व सैकड़ों की संख्या में पूर्व प्रधान समेत लगभग 500 से अधिक समर्थकों ने भी सदस्यता ग्रहण की। इसके साथ ही, बहुजन समाज पार्टी से दो बार विधायक का चुनाव लड़ चुके नवाब फैजान अली खान ने भी अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ कांग्रेस का दामन थामा। नव भारत पार्टी के अध्यक्ष राज बहादुर ने भी अपने सैकड़ो समर्थकों के साथ अपनी पार्टी का कांग्रेस में विलय करते हुए पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। इस मौके पर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस की सोच और नीतियों से प्रभावित होकर लोग कांग्रेस से जुड़ रहे हैं। भाजपा की जनविरोधी नीतियों से त्रस्त प्रदेश की जनता कांग्रेस की तरफ आशा भरी निगाहों से देख रही है।
प्रदेश में चल रही है कांग्रेस की लहरः रवि प्रकाश वर्मा
सदस्यता ग्रहण के बाद पूर्व सांसद रवि प्रकाश वर्मा ने कहा कि भाजपा देश को बर्बादी की कगार पर लेकर आ गई है। देश में जो भी विकास हुआ है वह सिर्फ कांग्रेस की ही देन है और आज एक बार फिर से कांग्रेस की लहर चल चुकी है। पूर्व सांसद पुत्री पूर्वी वर्मा ने कहा कि उनके दादा कांग्रेस के एक बड़े नेता थे व कांग्रेस सरकार में मंत्री भी रहे। उनकी दादी भी सांसद रहीं। उन्होंने कहा कि हम समाजवादी पार्टी में काम कर रहे थे, वहां हम जिस चीज के लिए राजनीति करने गए थे वहां सभी संभावनाएं धूमिल हो गई हैं।
यह शामिल होना नहीं, बल्कि घर वापसी है
पूर्व सांसद ने समाजवादी पार्टी से अपने इस्तीफे की पुष्टि की। कांग्रेस पार्टी में शामिल होने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ''यह शामिल होना नहीं, बल्कि घर वापसी है।'' रवि प्रकाश वर्मा के पिता बाल गोविंद वर्मा ने 1962, 1967, 1972 और 1980 में कांग्रेस टिकट पर लोकसभा चुनाव जीता था और लखीमपुर खीरी का प्रतिनिधित्व किया था। वर्ष 1980 में उनकी मृत्यु के बाद उनकी पत्नी ऊषा वर्मा ने 1980, 1984 और 1989 में लखीमपुर खीरी का प्रतिनिधित्व किया। बाद में ऊषा वर्मा समाजवादी पार्टी में शामिल हो गईं, जिसके बाद वह 1998, 1999 और 2004 में समाजवादी पार्टी से सांसद बने। समाजवादी पार्टी से अलग होने के संबंध में रवि प्रकाश वर्मा ने कहा कि सपा में दो दशक से भी अधिक समय के बाद उन्हें अब लगता है कि पार्टी नेतृत्व अपने मूल सिद्धातों से भटक गया है, जिसे मुलायम सिंह यादव ने स्थापित किया था।