पीलीभीत में दांव पर भाजपा की प्रतिष्ठाः कैबिनेट मंत्री जितिन प्रसाद को जिताने के लिए कर रही हर जतन

punjabkesari.in Sunday, Mar 31, 2024 - 08:50 PM (IST)

पीलीभीत: नामांकन प्रक्रिया पूरी होने के साथ पीलीभीत सीट पर सियासी रणभेरी बज चुकी है। भाजपा से टिकट न मिलने पर वरुण गांधी के निर्दलीय चुनाव लड़ने के कयास लगाए जा रहे थे, लेकिन उनके चुप हो जाने से भाजपा की राह थोड़ी आसान हो गई है। पीलीभीत सीट अब भाजपा की प्रतिष्ठा से जुड़ चुकी है। इसके लिए दिग्गजों ने डेरा जमा लिया है। स्थानीय जनप्रतिनिधियों की जिम्मेदारी तय कर दी गई है।

कैबिनेट मंत्री जितिन प्रसाद मैदान में
पीलीभीत सीट से 1952 में पहले सांसद कांग्रेस से मुकुंदलाल अग्रवाल बने थे। भाजपा को इस सीट पर काबिज होने में 39 साल लग गए। 1991  में रामलहर के बीच भाजपा के परशुराम गंगवार ने जीत दर्ज कराई। इससे पहले 1989 में जनता दल के टिकट पर चुनाव लड़कर मेनका गांधी सांसद बनीं। बाद में भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर 2004 में मेनका गांधी सांसद बनीं। 2009, 2014 और 2019 में मेनका गांधी और वरुण गांधी ही सांसद चुने गए। इससे पूर्व 1998 और 1999 के चुनाव में स्वतंत्र चुनाव लड़ी मेनका गांधी को भाजपा का समर्थन रहा था। अब 2024 के लोकसभा चुनाव में तस्वीर अलग है। मेनका और वरुण गांधी दोनों इस सीट पर नहीं हैं। सूबे के कैबिनेट मंत्री जितिन प्रसाद भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं।

समाजवादी पार्टी ने पूर्व मंत्री भगवन सरन गंगवार को बनाया प्रत्याशी
उनके मुकाबले समाजवादी पार्टी ने पूर्व मंत्री भगवन सरन गंगवार और बसपा ने पूर्व मंत्री अनीस अहमद खां उर्फ फूलबाबू को प्रत्याशी बनाया है। यहां पहले चरण में 19 अप्रैल को मतदान होना है। ऐसे में दिन कम बचे हैं और राजनीतिक दलों के आगे चुनौतियां अधिक हैं। चूंकि दो दशक बाद भाजपा ने टिकट में बदलाव किया है, इस कारण पीलीभीत सीट प्रतिष्ठा से जुड़ चुकी है। नामांकन के दिन से ही इसका असर भी दिखाई दे रहा है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी, जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, कैबिनेट मंत्री संजय निषाद समेत कई नेता आ चुके हैं। स्थानीय मंत्री, विधायकों की जिम्मेदारी हाईकमान तय कर चुका है। कैबिनेट मंत्री धर्मपाल बुधवार को पीलीभीत पहुंचे। दो अप्रैल को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रबुद्ध सम्मेलन करेंगे। इसके बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत कई अन्य स्टार प्रचारकों का आना भी तय माना जा रहा है। प्रत्याशी की क्षेत्र में जनता के बीच चुनावी सभाओं का कार्यक्रम बनाया जा चुका है।

सपा की तैयारी पूरी... सही समय पर करेंगे इस्तेमाल
पीलीभीत लोकसभा सीट पर समाजवादी पार्टी का कभी सांसद नहीं बना। 2019 में सपा गठबंधन के प्रत्याशी को 4.48 लाख चोट मिले थे। इस बार समाजवादी पार्टी से गठबंधन प्रत्याशी के रूप में भगवत सरन गंगवार चुनाव मैदान में हैं। सपा जिलाध्यक्ष जगदेव सिंह जग्गा का कहना है कि उनकी टीम समर्थकों के साथ क्षेत्र में सक्रिय है। चुनावी प्रोग्राम तय है, लेकिन शो नहीं किया जा रहा है। स्टार प्रचारक के तौर पर राष्ट्रीय अध्यक्ष क्ष पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव तो हैं ही, गठबंधन वाले दलों के भी कई चेहरे हैं। सभी का वक्त के हिसाब से सही जगह इस्तेमाल होगा। कुछ इसी तरह का हाल बसपा में भी दिखाई दे रहा है। बसपा में पूर्व मुख्यमंत्री मायावती की सभा होने की उम्मीद जताई जा रही है।

दिख रहा सबका साथ... कहीं हो न जाए भितरघात
भारतीय जनता पार्टी से इस बार दावेदारों की लंबी फेहरिस्त थी। हालांकि टिकट घोषणा के बाद कुछ दावेदारों के बगावत करने के आसार दिखाई दे रहे थे, जिसे शीर्ष नेतृत्व ने संभाल लिया है। अब अधिकांश दावेदार भाजपा प्रत्याशी के साथ ही मंच साझा करते दिख रहे हैं। जिससे सबका साथ तो दिखाई दे रहा है। मगर, चुनावों में भितरघात आम बात है। इस पर नजर बनी हुई है। चर्चा तों ये भी है कि ऐसी स्थिति न बनें, इसके लिए संगठन भी सख्त है। क्षेत्रवार नजर रखी जा रही है। अगर भितरघात की स्थिति बनी तो आगे गाज भी गिरेगी।

बसपा का माहौल बनाने 15 को आएंगी मायावती
बहुजन समाज पार्टी के जिलाध्यक्ष भगवान सिंह गौतम ने बताया कि चुनावी तैयारियों में बसपा कहीं भी पीछे नहीं है। कार्यालयों के उ‌द्घाटन किए जा चुके हैं। जनसंपर्क चल रहा है। आठ अप्रैल को मंडल स्तरीय कार्यक्रम होगा। 15 अप्रैल को पूर्व मुख्यमंत्री मायावती भी पीलीभीत आ रही हैं। इसकी तैयारी की जा चुकी है।


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Ajay kumar

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