UP में ऑक्सीजन की कालाबाजारी: अपनी ही सरकार के खिलाफ HC पहुंचे BJP विधायक, DM से जांच रिपोर्ट तलब
punjabkesari.in Monday, May 24, 2021 - 10:47 PM (IST)

प्रयागराज: इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने गाजियाबाद जिले के लिए आबंटित ऑक्सीजन की कथित कालाबाजारी पर गाजियाबाद के जिलाधिकारी से जांच रिपोर्ट और व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल करने को कहा है। न्यायमूर्ति सुनीता अग्रवाल और न्यायमूर्ति साधना रानी (ठाकुर) की पीठ ने गाजियाबाद की लोनी विधानसभा सीट से विधायक नंद किशोर द्वारा दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किया।
अदालत ने कहा, “मौजूदा याचिका पर विचार करते हुए गाजियाबाद के जिलाधिकारी को सुनवाई की अगली तारीख पर अपना निजी हलफनामा दाखिल करने और इसके साथ ही जांच की रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया जाता है।” अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल ने अदालत को बताया कि कोविड के मरीजों के इलाज के लिए निर्धारित अस्पतालों को ऑक्सीजन सिलेंडरों के वितरण का नियमन करने के लिए जिलाधिकारी द्वारा तीन सदस्यीय समिति का गठन किया गया था जिसमें अपर जिलाधिकारी (नगर), डिप्टी सीएमओ और संयुक्त आयुक्त (जिला उद्योग) सदस्य थे। गोयल ने बताया कि गाजियाबाद जिले में अप्रैल और मई के महीने में 35 कोविड अस्पताल थे और इनमें से किसी भी अस्पताल से ऑक्सीजन आपूर्ति की कमी के संबंध में एक भी शिकायत नहीं प्राप्त की गई। लोनी विधानसभा क्षेत्र के लिए केवल एक कोविड अस्पताल था जिसमें 12 बेड थे और इस अस्पताल से भी ऑक्सीजन आपूर्ति में कमी की कोई शिकायत नहीं आई। इस तरह से याचिका में लगाए गए आरोप निराधार हैं।
अपर महाधिवक्ता ने बताया कि हालांकि जिलाधिकारी ने याचिकाकर्ता की शिकायत पर एक जांच समिति गठित की और जिले की मुख्य विकास अधिकारी अस्मिता लाल को जांच अधिकारी नियुक्त किया। इस मामले की जांच की रिपोर्ट अभी तक सौंपी नहीं गई है। उल्लेखनीय है कि लोनी से विधायक नंद किशोर ने गाजियाबाद के अपर जिलाधिकारी (नगर) के कथित भ्रष्टाचार की वजह से गाजियाबाद से ऑक्सीजन सिलेंडरों को कथित तौर पर दिल्ली और हरियाणा भेजे जाने के मामले की उच्च स्तरीय जांच कराने की अदालत से गुहार लगाई है। याचिकाकर्ता ने कहा है कि इस संबंध में एक मई, 2021 को गाजियाबाद के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक से लिखित शिकायत की गई और उनसे जांच कराने की मांग की गई। हालांकि अभी तक इस मामले में कुछ नहीं किया गया और इसी वजह से उन्हें अदालत का रुख करना पड़ा। अदालत ने इस मामले की अगली सुनवाई की तारीख सात जून, 2021 तय की है।