हिजाब विवाद को बेवजह तूल दे रही बीजेपी, कर्नाटक हाई कोर्ट का फैसला सही नहीं: ओवैसी

punjabkesari.in Friday, Oct 14, 2022 - 12:47 PM (IST)

लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में ताल ठोक चुके ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी का भी हिजाब विवाद में कूद पड़े हैं। भाजपा पर तंज करते हुए कहा कि सरकार इस मामले को बेवजह तूल दे रही।   उन्होंने कहा कि स्कूल के यूनिफार्म में एक सिख लड़के को पगड़ी पहनने की इजाजत देंगे और  हिन्दू लड़की को सिंदूर लगाने की अनुमति है लेकिन फिर क्यों एक मुस्लिम लड़की को स्कूल में हिजाब पहनने की इजाजत नहीं है? उन्होंने कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले को गलत बताया।

दरअसल, कर्नाटक सरकार ने हिजाब पर बैन लगा दिया था। बाद में मामला इतना बढ़ गया कि कर्नाटक हाई कोर्ट पहुंच गया। हाई कोर्ट ने मामले पर सुनवाई करते हुए रोक लगा दी। मुस्लिम धर्म गुरुओं ने मामले को सुप्रीम कोर्ट ने चुनौती दी। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर अपना फैसला सुना दिया, लेकिन कोर्ट ने अलग- अलग फैसला सुना दिया। जस्टिस हेमंत गुप्ता ने कर्नाटक सरकार के शिक्षण संस्थानों में हिजाब बैन को सही ठहराया, लेकिन जस्टिस सुधांशु धूलिया ने हिजाब पहनने पर लगाई गई पाबंदी को गलत ठहराया है और कर्नाटक सरकार के आदेश को रद्द कर दिया है। उसके बाद मामला और ही उलझ गया। अब इस मामले को सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस यूयू ललित इस मामले की सुनवाई के लिए नई बेंच का गठन करेंगे। 

वहीं इस मामले पर आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के नेशनल एग्जीक्यूटिव के सदस्य मौलाना खालिद राशीद फरंगी महली ने कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट के फैसल का स्वागत करते है। उन्होंने कहा कि हमे उम्मीद है कि लार्जर बेंच हिजाब के धार्मिक महत्व को जरूर कंसीडर करेगी। दरअसल कोर्ट ने कहा कि बच्चियों को अपनी च्वाइस के हिसाब से कपड़े पहन सकती है। बच्चियों को शिक्षा का अधिकार है। बच्चियों सिर को कवर करे या न करे ये उनकी मर्जी है । रशीद फरंगीमहली ने कहा कि कुरान में लिखा है कि मुस्लिम बच्चियां घर से बाहर निकल रही है तो सर को ढ‍़क कर निकले। उन्होंने कहा उन्हे रोकने का कानूनी कोई अधिकार नहीं है।
 


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Content Writer

Ramkesh

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