अतीक-अशरफ की हत्या के बाद निकाय चुनाव में प्रचार की रणनीति बदलने की तैयारी में बीजेपी
punjabkesari.in Tuesday, Apr 18, 2023 - 04:39 PM (IST)

लखनऊ: उमेश पाल हत्याकांड के आरोपी असद और गुलाम के एनकाउंटर के बाद बुलंद हौसलों में निकाय चुनाव के मैदान में उतरने का मन बना रही भाजपा के कदम पुलिस हिरासत में मारे गए अतीक और अशरफ की मौत के बाद थोड़ा सा ठिठके हैं। मौजूदा हालातों में भाजपा का प्रदेश नेतृत्व जनता का मूड भांपकर प्रचार की रणनीति बदलने की तैयारी कर रहा है।
मतदाताओं में छाएगा हत्या का मामला
भाजपा यह जानती है कि निकाय चुनाव के दरम्यान अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की पुलिस कस्टडी में हत्या का मामला मतदाताओं में छाएगा। यह शहरी मतदाता है। वह अतीक प्रकरण से पूरी तरह वाकिफ है। इसलिए चुनाव प्रचार में मतदाताओं के सामने इस मुद्दे को किस रूप में उठाया जाए, भाजपा के सामने यह यक्ष प्रश्न है। हालांकि, सरकार के दो काबीना मंत्री सुरेश खन्ना और स्वतंत्रदेव सिंह के बयानों ने यह संकेत दे दिए हैं कि भाजपा इस मुद्दे पर आक्रामक रूख अपनाएगी। अतीक और अशरफ की हत्या पर सुरेश खन्ना ने कहा था कि कुदरत का न्याय है। तो स्वतंत्र देव सिंह ने कहा था कि पाप-पुण्य का हिसाब इसी जन्म में होता है
हत्या से पहले अपना एजेंडा सेट कर चुकी थी भाजपा
हालांकि, अतीक और अशरफ की हत्या से पहले तो भाजपा ने निकाय चुनाव में अपना एजेंडा सेट कर लिया था। उमेश पाल की हत्या के आरोपियों पर पुलिस के कहर को पार्टी ने अपना चुनाव प्रचार का हिस्सा बना लिया था। यही नहीं निकाय चुनाव के बाद लोकसभा चुनाव में यही मुद्दा उठाने का मन बना लिया था। भाजपा के सूत्रों के अनुसार स्थानीय निकाय चुनाव में सभी 17 नगर निगम जीतने, नगर पालिकाओं और नगर पंचायतों पर अपना वर्चस्व बनाने के लक्ष्य पूरा करने दारोमदार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह चौधरी और उनकी टीम पर है। इस निकाय चुनाव में केन्द्र में भाजपा सरकार या पार्टी के केन्द्रीय नेतृत्व की कोई भूमिका नहीं होगी। ऐसे में सरकार और संगठन मिलकर तय कर रहे हैं. कि अतीक-अशरफ हत्याकांड को मतदाताओं के बीच किस तरह ले जाना है।
जनता कानून का राज चाहती हैः बीजेपी
भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता हरिश्चन्द्र श्रीवास्तव ने कहा कि जनता कानून का राज चाहती है। वह अपराधियों से नफरत करती है। अतीक-अशरफ की हत्या का चुनाव पर कोई असर नहीं पड़ेगा। मुख्यमंत्री ने हत्या की जांच के लिए न्यायिक आयोग का गठन कर दिया है और एसआईटी की जांच भी बिठा दी है।