रामचरितमानस पर विवादित टिप्पणी से नाराज हैं BJP कार्यकर्ता, स्वामी प्रसाद मौर्य के काफिले को रोक दिखाया काला कपड़ा
punjabkesari.in Monday, Feb 13, 2023 - 02:01 PM (IST)

वाराणसीः रामचरितमानस (Ramcharitmanas) पर विवादित टिप्पणी से नाराज भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) कार्यकर्ताओं ने रविवार को उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के वाराणसी (Varanasi) के टेंगरा मोड़ पर नारेबाजी करते हुए समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) के काफिले के सामने काला कपड़ा दिखा कर अपना विरोध जताया। इस मामले की जानकारी होने पर मौके पर पहुंची पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोकने की कोशिश की और स्वामी प्रसाद मौर्य के काफिले को रवाना किया।
बता दें कि रामनगर पुलिस (Ramnagar Police) ने बताया कि स्वामी प्रसाद मौर्य रविवार को वाराणसी से सोनभद्र जाने के लिए निकले थे, अभी उनका काफिला टेंगरा मोड़ पर पहुंचा ही था कि भाजपा कार्यकर्ता ‘जय श्री राम' और ‘हर-हर महादेव' का उद्घोष करते हुए सामने आ गए और काला कपड़ा दिखा कर विरोध प्रदर्शन करने लगे। प्रदर्शनकारियों ने सपा नेता के कार पर काला कपड़ा भी फेंका। पुलिस ने बताया कि प्रदर्शनकारियों को रोक कर स्वामी प्रसाद मौर्य के काफिले को तत्काल सोनभद्र के लिए रवाना किया गया। पुलिस ने बताया कि इस मामले में किसी को भी गिरफ्तार नहीं किया गया है।
स्वामी प्रसाद को जनता से माफी मांगनी चाहिए- भाजपा कार्यकर्ता
विरोध प्रदर्शन करने वाले भाजपा कार्यकर्ता दीपक ने कहा कि, स्वामी प्रसाद को रामचरितमानस पर अपने विवादित बयान के लिए जनता से माफी मांगनी चाहिए और यदि वे माफी नहीं मांगते हैं तो आगे भी उनका विरोध किया जाएगा और उन्हें काशी नहीं आने दिया जाएगा। इससे पहले सपा नेता मौर्य ने कहा था, ‘‘धर्म का वास्तविक अर्थ मानवता के कल्याण और उसकी मजबूती से है। अगर रामचरितमानस की किन्हीं पंक्तियों के कारण समाज के एक वर्ग का जाति, वर्ण और वर्ग के आधार पर अपमान होता हो तो यह निश्चित रूप से धर्म नहीं बल्कि अधर्म है। रामचरितमानस की कुछ पंक्तियों (दोहों) में कुछ जातियों जैसे कि तेली और कुम्हार का नाम लिया गया है।"
मौर्य के बयान पर भाजपा कार्यकर्ता हैं नाराज- BJP कार्यकर्ता
स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा था, "इन जातियों के लाखों लोगों की भावनाएं आहत हो रही हैं। इसी तरह से रामचरितमानस की एक चौपाई यह कहती है कि महिलाओं को दंड दिया जाना चाहिए। यह उनकी (महिलाओं) भावनाओं को आहत करने वाली बात है जो हमारे समाज का आधा हिस्सा हैं। अगर तुलसीदास की रामचरितमानस पर वाद-विवाद करना किसी धर्म का अपमान है, तो धार्मिक नेताओं को अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों, अन्य पिछड़े वर्गों तथा महिलाओं की चिंता क्यों नहीं होती। क्या यह वर्ग हिंदू नहीं है?" उन्होंने कहा था, ‘‘रामचरितमानस के आपत्तिजनक हिस्सों को प्रतिबंधित कर दिया जाना चाहिए, जिनसे जाति वर्ग और वर्ण के आधार पर समाज के एक हिस्से का अपमान होता है ।" मौर्य के इसी बयान पर भाजपा कार्यकर्ता नाराज हैं।
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