अदालत का फैसला: हत्या के जुर्म महिला और उसके प्रेमी को उम्रकैद, दोनो ने मिलकर की थी 11 वर्षीय बेटे की हत्या
punjabkesari.in Wednesday, Dec 18, 2024 - 09:27 AM (IST)
प्रतापगढ़, (धीरेन्द्र प्रताप सिंह): जिले की एक अदालत ने एक महिला और उसके प्रेमी को हत्या के एक मामले में उम्र कैद की सज़ा सुनाई है। जिला सत्र न्यायाधीश अब्दुल शाहिद की अदालत ने महिला को अपने प्रेमी के साथ मिलकर अपने बेटे की हत्या का दोषी ठहराया है। जिला शासकीय अधिवक्ता योगेश कुमार शर्मा ने बताया कि थाना कोतवाली पट्टी में सरस्वती देवी ने प्राथमिकी दर्ज कराई थी कि उसका बेटा उमेश कुमार एक जुलाई की रात घर से बिना बताए कहीं चला गया है। कुछ दिनों बाद सरस्वती देवी के पति अवधेश कुमार ने पुलिस को दी तहरीर में दावा किया था कि उसके बेटे उमेश ने उन्हें बताया था कि उसकी मां रोशन लाल नाम के व्यक्ति से फोन पर बात करती थी और विरोध करने पर उसे मारती पीटती थी।
गला दबाकर बेटे की हुई थी हत्या
तहरीर के मुताबिक, घटना की रात रोशन घर पर आया था बातचीत कर रहा था। उमेश के विरोध करने पर रोशन लाल ने उसे डंडे से सिर पर मारा और गला दबा दिया और उमेश की मां ने उसे पकड़ रखा था। सरस्वती और रोशन लाल ने मिलकर उमेश की हत्या कर दी। पुलिस ने तहरीर के आधार पर सरस्वती और रोशन लाल के विरुद्ध हत्या का मामला दर्ज कर आरोप पत्र अदालत में दाखिल किया। अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने और साक्ष्य के आधार पर दोषी सरस्वती और रोशन लाल को सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनाई और दोनों पर तीस-तीन हजार रुपये का जुर्माना लगाया।
6 महीने के अंदर कोर्ट ने दोषियों को सुनाई सजा
गौरतलब है कि हत्या के मामले में भारतीय न्याय संहिता के तहत प्रतापगढ़ की पहली सजा है, जबकि उत्तर प्रदेश की दूसरी सजा बताई जा रही है। पुलिस ने विवेचना में बताया कि सरस्वती का अपने पड़ोसी रोशन लाल से प्रेम संबंध था। 2 जुलाई की रात रोशन लाल अपने प्रेमिका सरस्वती से मिलने आधी रात उसके घर पहुंचा था, उस बीच सरस्वती के 11 वर्षीय बेटा उमेश जग गया। अपनी मां को प्रेमी के साथ देख उसने रोशन पर डंडे से वार कर दिया। जिसके बाद प्रेमी और उसकी मां ने उमेश की हत्या कर शव कुएं में फेक दिया था। वही कोर्ट ने 6 महीने के अंदर मामले में मां और उसके प्रेमी को दोषी पाते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।