बादा-चित्रकूट लोकसभा सीट पर बसपा ने खेला ब्राह्मण कार्ड,मयंक द्विवेदी के मैदान में उतरने से मुकाबला हुआ रोचक

punjabkesari.in Monday, Apr 22, 2024 - 04:32 PM (IST)

चित्रकूट: बांदा चित्रकूट संसदीय सीट पर इस बार मुकाबला काफी रोचक हो गया है। बसपा ने यहां से मयंक द्विवेदी को मैदान में उतार कर ब्राह्मण कार्ड खेल दिया है। लगातार दो बार से चुनाव जीत रही भाजपा ने 2019 में जीते आरके पटेल को ही मैदान में उत्तारा है तो सपा ने शिवशंकर पटेल को चेहरा बनाया है। हालांकि यह चर्चा जोरों पर है कि संपा अपना उम्मीदवार बदल सकती है। नया प्रत्याशी कौन होगा, अभी इसे लेकर सिर्फ कयास ही लगाए जा रहे हैं। वैसे जौनपुर सीट से पार्टी के उम्मीदवार बाबू सिंह कुशवाहा का नाम जोरों पर लिया जा रहा है। बसपा 1999 के बाद इस सीट पर नहीं जीती है, ऐसे में इस बार उसकी पुरजोर कोशिश है कि वह मैदान मार ले। 

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इस संसदीय सीट की जब भी चर्चा होती है तो रामसजीवन सिंह का नाम सबसे पहले लिया जाता है। सीपीआई से 1989 में बांदा चित्रकूट सीट से प्रतिनिधित्व करने वाले रामसजीवन ने जब बसपा अपनाई तो पार्टी ने उनको 1996 में टिकट दिया। परिणाम स्वरूप वे पार्टी की उम्मीदों पर खरे उतरे। मतदाताओं ने उन्हें चुना और वे सांसद बन गए। 1998 के चुनाव में बसपा ने फिर रामसजीवन पर ही विश्वास जताया था। हालांकि तब सपा और कम्युनिस्ट पार्टी के गठबंधन ने पूर्व मंत्री सुरेंद्र पाल वर्मा को टिकट दिया और भारतीय जनता पार्टी ने रमेश चंद्र द्विवेदी को मैदान में उतारा। मुकाबला त्रिकोणीय हुआ और रामसजीवन भाजपा के उम्मीदवार से हार गए। 1999 में जब लोकसभा चुनाव हुए तो एक बार फिर रामसजीवन को बसपा ने चुनाव मैदान में उतारा और वे वे पुनः दिल्ली पहुंचे। इस चुनाव के बाद बसपा यहां से नहीं जीती है।

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2014 में बसपा के टिकट से लड़े आरके सिंह पटेल (वर्तमान में भाजपा सांसद) 2,26,278 मत पाकर दूसरे नंबर पर ही पहुंच पाए थे। तब भाजपा के भैरों प्रसाद जीते थे। 2019 में बसपा-सपा का महागठबंधन था। सपा ने श्यामाचरण गुप्ता को मैदान में उतारा था, लेकिन इस गठबंधन के बाद भी भाजपा के आरके पटेल यहां से सांसद चुने गए थे। अब बसपा ने पूर्व विधायक पुरुषोत्तम नरेश द्विवेदी के बेटे एवं जिला पंचायत सदस्य मर्यक द्विवेदी को मैदान में उतारा है। मयंक लगातार जनता के बीच रहे हैं। ऐसे में उन्हें उम्मीद है कि इस वार वे बाजी मार लेंगे। सपा कार्यकर्ता जहां बार-बार पार्टी के उम्मीदवार शिवशंकर पटेल का टिकट बदले जाने की खबरों से चिंतित हैं तो वहीं भाजपा में भी नाराजगी कम नहीं है। पूर्व सांसद भैरों प्रसाद पहले ही कह चुके हैं कि वे पार्टी का प्रचार नहीं करेंगे। ऐसे में उनके समर्थक भी खामोश हैं। भैरों प्रसाद ने बसपा और सपा दोनों ही दलों से टिकट लेने की कोशिश की थी पर वे सफल नहीं हो सके।

2019 का परिणाम-
भाजपा  के आरके पटेल 4,77,926 वोट पाकर सीट पर जमाया कब्जा। वहीं समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी रहे श्यामा चरण गुप्ता 4,18,988 वोट पाकर दूसरे स्थान पर रहे। कांग्रेस के  बाल कुमार पटेल 75,438 वोट पाकर तीसरे नंबर पर रहे। 


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Content Writer

Ajay kumar

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