.... तो निरस्त हो सकती है जेवर हवाई अड्डा परियोजना

punjabkesari.in Friday, Aug 17, 2018 - 10:48 AM (IST)

लखनऊः उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर जिले में बहुप्रतीक्षित जेवर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे की परियोजना पर निरस्त होने का खतरा मंडराने लगा है। इस विमानपत्तन के लिये जमीन अधिग्रहण को लेकर किसानों से बात नहीं बनी तो सरकार इस परियोजना को छोड़ सकती है।

यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) के अध्यक्ष प्रभात कुमार ने बताया कि हमने जेवर हवाई अड्डा परियोजना के लिये प्रस्तावित इलाके में पडऩे वाले छह गांवों के प्रधानों और करीब 100 किसानों से मुलाकात करके उन्हें जमीन के प्रस्तावित खरीद मूल्य और अन्य लाभों के बारे में बताया है। अगर वे हवाई अड्डे के लिये जमीन देने को तैयार नहीं होते तो यह परियोजना रद्द भी हो सकती है।

कुमार ने कहा कि किसानों को आश्वस्त किया गया है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशों के मुताबिक उनकी जमीन को उनकी मर्जी के बगैर नहीं लिया जाएगा। किसान हमारे प्रस्ताव पर विचार करने के बाद हमें अपने निर्णय के बारे में बताएंगे। हमें अच्छे परिणाम की उम्मीद है।

उन्होंने बताया कि जेवर एयरपोर्ट के निर्माण के लिये किसानों को 2300 से 2500 रुपये प्रति वर्गमीटर के हिसाब से जमीन का मुआवजा दिये जाने की पेशकश की गयी है। प्रदेश सरकार पहले चरण में आठ गांवों- रोही, परोही, बनवारीबस, रामनेर, दयानतपुर, किशोरपुर, मुकीमपुर शिवरा और रणहेरा में 1441 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण करना चाहती है।

सरकार इस परियोजना के लिये कुल पांच हजार हेक्टेयर जमीन लेना चाहती है। करीब 15 से 20 हजार करोड़ की लागत से प्रस्तावित इस हवाई अड्डे पर विमान सेवाओं का संचालन वर्ष 2022-23 तक शुरू होने की उम्मीद की जा रही है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अगर किसानों ने सरकार द्वारा दिये गये प्रस्ताव को मंजूर कर लिया तो अगले महीने ही जमीन की खरीद मुकम्मल कर ली जाएगी और किसानों को फौरन भुगतान कर दिया जाएगा। अक्तूबर में इस परियोजना के निर्माण की शुरुआत भी कर दी जाएगी।


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Tamanna Bhardwaj

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