CAA की आंच में झुलसा तहजीब का शहर लखनऊ, एक मरा 19 घायल

punjabkesari.in Friday, Dec 20, 2019 - 09:43 AM (IST)

लखनऊ: नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर समाजवादी पार्टी(सपा) और कांग्रेस के विरोध प्रदर्शन ने गुरूवार को गंगा जमुनी तहजीब की मिसाल कहे जाने वाले नवाबों के शहर लखनऊ पर हिंसा का दाग लगा दिया। वहीं पश्चिमी उत्तर प्रदेश के संभल में उपद्रवियों ने आगजनी और तोड़फोड़ कर तनाव फैलाने की कोशिश की। हिंसा की वारदातों में लखनऊ के अलग-अलग क्षेत्रो में एक युवक की मृत्यु हो गयी जबकि 16 पुलिस कर्मियों समेत 19 लोग घायल हो गये। पुलिस ने इस हिंसा में शामिल करीब 100 लोगों को गिरफ्तार किया है।

सूबे की योगी सरकार ने नये कानून की आड़ में विरोध प्रदर्शन की आशंका के मद्देनजर पहले से ही राज्य भर में धारा 144 लागू कर दी थी। शुक्रवार तक जुलूस एवं धरना प्रदर्शन पर रोक लगा दी थी लेकिन सुरक्षा बलों के तमाम इंतजामों को धता बताते हुये उपद्रवी बीच सड़क पर निकले और जमकर तांडव किया। पुलिस ने हिंसा पर उतारू भीड़ को तितर बितर करने के लिये आंसू गैस के गोले दागे और लाठिया भांजी। लखनऊ में हुयी हिंसात्मक वारदातों में भयंकर परिणाम सामने आए।

बता दें कि लखनऊ के हसनगंज और हजरतगंज क्षेत्रों में दो पुलिस चौकियों के अलावा कई वाहनों और एक न्यूज चैनल की ओवी वैन को उपद्रवियों ने आग के हवाले कर दिया। उपद्रवियों ने पुलिस पर पथराव किया जिसके जवाब में पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोडी। हवा में गोलियां दागी और लाठी चलायी।        विश्वस्त सूत्रों के अनुसार दंगाइयों के हमले में ठाकुरगंज क्षेत्र में सज्जादबाग निवासी मोहम्मद वकील (25) की मृत्यु हो गयी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय लल्लू समेत कई अन्य नेताओं को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया गया है। प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए लाठियां भांजी और आंसू गैस के गोले दागे। कलेक्ट्रेट और कैसरबाग क्षेत्र में सपा कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया और गिरफ्तारी दी। 

लखनऊ और सम्भल में हुई हिसंक घटनाओं को गंभीरता से लेते मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उपद्रवियों से सख्ती से निपटने के निर्देश अधिकारियों को दिये हैं। उन्होने कहा कि लोकतंत्र में हिंसा का कोई स्थान नहीं है। विपक्षी दलों के बंद की आड़ में किए गये प्रदर्शन के दौरान लखनऊ और सम्भल में आगजनी और तोड़फोड़ की घटनाये हुयीं और सरकारी सम्पत्ति को नुकसान पहुंचाया गया। बंद का आवाहन करने वालों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज कर उनकी सम्पति जब्त कर नुकसान की भरपाई की जायेगी। आरोपियों को चिन्हित कर उनके खिलाफ सख्त से सख्त कारर्वाई की जायेगी।

पूरे प्रदेश में धारा 144 लागू है और धरना प्रदर्शन करने पर सख्त मनाही थी। इसके बावजूद बडी तादाद में लोग सड़कों पर निकले और उपद्रव शुरू हो गया। इस बारे मे जिम्मेदारों से जवाब तलब किया जायेगा और पूरे मामले की जांच कर दोषियों के खिलाफ कारर्वाई की जायेगी। इस बीच घटना के बाद लखनऊ विश्वविद्यालय की कल होने वाली परीक्षा स्थगित कर दी गई हैं।

वारदातों में 16 पुलिसकर्मियों समेत 19 लोग घायल
लखनऊ में हिंसा की वारदातों में 16 पुलिसकर्मियों समेत 19 लोग घायल हो गये जिनमें अपर पुलिस महानिदेशक स्तर के एक अधिकारी और हजरतगंज के क्षेत्राधिकारी शामिल हैं।उपद्रव के दौरान घायल जिलानी (15),रंजीत सिंह (47) और वसीम खान (22) को ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया है। पुलिस ने दंगाइयों पर गोली चलाने की घटना से इंकार किया है वहीं उसका दावा है कि हिंसा पर उतारू भीड़ ने गोलीबारी की। हिंसा के बाद देर शाम पुलिस ने पुराने लखनऊ इलाके में तलाशी अभियान चलाया और हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में बडी तादाद में पुलिस बल तैनात किया गया है। कल शुक्रवार को जुमें की नमाज के मद्देनजर एहतियात के तौर पर कानून व्यवस्था बनाये रखने के पुख्ता बंदोबस्त किये गये हैं।   


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Ajay kumar

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