विधानसभा में गरजे सीएम योगी, बोले- ये लोग अकबर का किला जानते थे, लेकिन सरस्वती कूप नहीं...
punjabkesari.in Wednesday, Feb 19, 2025 - 03:40 PM (IST)
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लखनऊ: समाजवादी पार्टी (सपा) पर महाकुंभ के आयोजन के बारे में अनर्गल प्रलाप का आरोप लगाते हुये मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को कहा कि अगर सनातन परंपरा के इस आयोजन को भव्यता से करना कोई अपराध है, तो उनकी सरकार इस अपराध को बार बार करना चाहेगी। विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान योगी ने कहा कि प्रयागराज महाकुंभ में 56 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु संगम में आस्था की पावन डुबकी लगा चुके हैं मगर कुछ लोग सनातन धर्म के खिलाफ, मां गंगा, भारत की आस्था के खिलाफ कोई अनर्गल प्रलाप करते है, वह कहतें हैं कि महाकुंभ का आयोजन पैसे की बर्बादी है। इसे भारत की सनातन आस्था का विरोध माना जायेगा।
मौत पर राजनीति नहीं करनी चाहिए
सीएम योगी ने कहा कि उन लोगों को पता होना चाहिये कि महाकुंभ किसी पार्टी विशेष अथवा सरकार का आयोजन नहीं है बल्कि समाज का है। सरकार इस आयोजन में सेवक की भूमिका में है। आस्था के खिलाफ अनर्गल प्रलाप वास्तव में अब तक स्नान कर चुके 56 करोड़ लोगों की आस्था के खिलाफ है। उन्होने कहा हमारी संवेदनायें उन सभी श्रद्धालुओं के साथ है जो मौनी अमावस्या पर्व पर भगदड़ का शिकार हुये अथवा महाकुंभ आते समय सड़क दुर्घटना का शिकार बने। सरकार उनके परिवार के साथ खड़ी है मगर इसमें राजनीति नहीं करनी चाहिये।
महाकुंभ को बदनाम करने में कोई कमी नहीं छोड़ी
मुख्यमंत्री ने कहा कि महाकुंभ को बदनाम करने में विपक्षी सदस्यों ने कोई कोरकसर नहीं छोड़ी। सोशल मीडिया के माध्यम से भी कुंभ के बारे में मिथ्या प्रचार किया गया। काहिरा में भगदड़,नेपाल में आगजनी के पुराने वीडियो को महाकुंभ का बतला कर जनमानस को भ्रमित किया गया मगर महाकुंभ के प्रति लोगों के उत्साह में कोई कमी नहीं आयी। महाकुंभ में हर धर्म जाति के लोगों ने हिस्सा लिया। क्रिकेटर मोहम्मद शमी ने भी कुंभ में पावन डुबकी लगायी।
समाजवादियों की आदत हर अच्छी बात का विरोध करना
उन्होंने कहा कि समाजवादियों की आदत हर अच्छी बात का विरोध करना है। यह जिस थाली खाते हैं उसी में छेद करते हैं। वास्तव में यही समाजवादियों के संस्कार हैं। सपा का सोशल मीडिया का हैंडल उनके संस्कार की पुष्टि करता है जिसमें ऐसी भाषा का इस्तेमाल किया जाता है जो किसी सभ्य समाज में शोभा नहीं देता। योगी ने कहा कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को अक्षय वट का नाम भी नहीं मालुम है। वह सरस्वती कूप को सरस्वती नदी कहते हैं। वह कहते हैं कि महाकुंभ को कोई शब्द नहीं है।
संक्रमित व्यक्ति का तो उपचार है मगर संक्रमित सोच का कोई इलाज नहीं
राष्ट्रीय जनता दल प्रमुख लालू प्रसाद यादव को महाकुंभ फालतू लगता है तो सपा नेत्री जया बच्चन कहती हैं कि भगदड़ में मृत लोगों के शव गंगा नदी में बहा दिये गये जिससे यह और प्रदूषित हो गयी हैं। तृणमूल कांग्रेस नेता ममजा बनर्जी ने तो महाकुंभ को मृत्यु कुंभ कह दिया। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडगे कहते हैं कि भगदड़ में हजार से ज्यादा लोगों की मृत्यु हुयी। आपका दुष्प्रचार हमें बुरा नही लगता क्योंकि हमको पता है आपकी सोच संक्रमित है। संक्रमित व्यक्ति का तो उपचार है मगर संक्रमित सोच का कोई इलाज नहीं हो सकता।
जो कुंभ का विरोध कर रहे थे वे चुपके से स्नान कर आये
उन्होंने कहा कि महान कार्य को तीन अवस्थाओं से गुजरना पड़ता है, उपहास,विरोध और स्वीकृति। महाकुंभ का पहले उपहास किया गया और बाद में विरोध किया गया मगर इसे स्वीकृति दी गयी। स्वीकृति का इससे बड़ा प्रमाण क्या हो सकता है कि समाजवादी पार्टी अध्यक्ष जो विरोध कर रहे थे,जाकर चुपके से स्नान कर आये। नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय भी महाकुंभ में डुबकी लगाने पहुंचे मगर अखिलेश अपने चाचा शिवपाल को लेकर नहीं गये। उन्होंने नेता प्रतिपक्ष की ओर इशारा करते हुये कहा कि पांडे जी आप चाचा को कुंभ जरूर ले जाइयेगा।
यादव ने कहा कि 2017 के पहले यूपी पहचान के संकट से जूझ रहा था। महाकुंभ के आयोजन के बाद अब यूपी का व्यक्ति कहीं भी जाएगा सम्मान पायेगा। वह विधानसभा अध्यक्ष से अनुरोध करेंगे कि वे सभी सदस्यों को महाकुंभ में डुबकी लगवायें। उनका तो मानना है एक संयुक्त सत्र महाकुंभ में होना चाहिए मगर सपा इसका भी विरोध करती,इसीलिए हम इस बात से दूर रहे।