''कांग्रेस घोटालों, आतंकवाद और नक्सलवाद का पर्याय है...'' छत्तीसगढ़ में बोले सीएम योगी
punjabkesari.in Sunday, Apr 21, 2024 - 02:52 PM (IST)
CM Yogi Adityanath: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोकसभा चुनाव के मद्देनजर आज छत्तीसगढ़ दौरे पर है। यहां पर उन्होंने राजनांदगांव लोकसभा क्षेत्र में एक चुनावी सभा को संबोधित किया। इस दौरान सीएम ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा, अयोध्या में रामलला (उनकी मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा) के लिए 500 वर्षों का इंतजार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कारण समाप्त हुआ। उन्होंने दावा किया, ‘‘कांग्रेस घोटालों, आतंकवाद और नक्सलवाद का पर्याय है। जिस उम्र में युवाओं के हाथ में पुस्तक होनी चाहिए, दुनिया को आगे बढ़ाने का जज्बा होना चाहिए, कांग्रेस ने उनके हाथ में तमंचा पकड़ा दिया। उन्हें नक्सलवाद तथा उग्रवाद के नाम पर देश के खिलाफ उकसाया गया।''
भाजपा आपकी आस्था का सम्मान कर सकती हैः योगी
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में लोगों ने पिछले 10 वर्षों में देश को बदलते देखा है। पीएम मोदी ने कहा है इस देश को दुनिया की एक बड़ी ताकत बनाना है। विकसित भारत बनाना है...आत्मनिर्भर भारत बनाना है जहां हर नागरिक सुरक्षित महसूस करे। बेटी हो या व्यापारी इन सब को सुरक्षा की पूरी गारंटी केवल भाजपा दे सकती है। केवल भाजपा आपकी आस्था का सम्मान कर सकती है।''
भाजपा समाधान का नाम हैः सीएम योगी
सीएम योगी ने सभा में आए लोगों से पूछा कि क्या कांग्रेस लोगों को मुफ्त राशन दे पाती, क्या वह राम मंदिर का निर्माण करा पाती, क्या नक्सलवाद की समस्या कम कर पाती, क्या वह बेटी और व्यापारियों को सुरक्षा दे पाती? उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस समस्या का पर्याय है यह समस्या देती है। भारतीय जनता पार्टी समाधान का नाम है।'' सीएम ने इस दौरान भाजपा के प्रत्याशी संतोष पांडेय को वोट देने का अनुरोध किया।
यह भी पढ़ेंः स्वामी प्रसाद मौर्य की बढ़ी मुश्किलें, हाईकोर्ट से नहीं मिली राहत; गैर जमानती वारंट को निरस्त करने की याचिका खारिज
राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी के अध्यक्ष स्वामी प्रसाद मौर्य की मुश्किलें खत्म होने का नाम ही नहीं ले रही। उनके खिलाफ जारी गैरजमानती वारंट के मामले में हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ से राहत नहीं मिली। कोर्ट ने स्वामी प्रसाद मौर्य की याचिका को खारिज कर दिया। कोर्ट ने कहा कि पहली नजर में उनके खिलाफ आरोप हैं, जिन पर ट्रायल कोर्ट में ही विचार हो सकता है।''