‘इंसानियत और इंसाफ को रौंदने वाली नीति हुई बेपर्दा’, बुलडोजर एक्शन पर ''सुप्रीम रोक'' का कांग्रेस-सपा ने किया स्वागत
punjabkesari.in Tuesday, Sep 17, 2024 - 11:56 PM (IST)
Lucknow News: उत्तर प्रदेश समेत देश के अन्य राज्यों में आपराधिक तत्वों पर बुलडोजर की कार्रवाई के मामले में उच्चतम न्यायालय के फैसले का समाजवादी पार्टी (सपा) और कांग्रेस ने स्वागत किया है और कहा है कि शीर्ष अदालत का यह फैसला भाजपा सरकारों की बुलडोजर नीति को आइना दिखाने वाला है।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने एक्स पर पोस्ट किया “ भाजपा सरकारों की अन्यायपूर्ण और अमानवीय 'बुलडोजर नीति' को आईना दिखाने वाला माननीय सुप्रीम कोर्ट का फैसला स्वागत योग्य है। ऐसी बर्बर कार्रवाइयों के जरिये "देश के कानून पर बुलडोजर चलाकर" इंसानियत और इंसाफ को रौंदने वाली नीति एवं नीयत पूरे देश के सामने बेपर्दा हो चुकी है। वे समझते हैं कि 'त्वरित न्याय' की आड़ में जुल्म और नाइंसाफी के बुलडोजर से संविधान को कुचलकर भीड़ और भय का राज स्थापित किया जा सकता है लेकिन यह देश संविधान से चलता है और संविधान से ही चलेगा। अदालत ने साफ कर दिया है कि 'बुलडोजर अन्याय' स्वीकार्य नहीं है।”
अब बुलडोजर के पार्किंग का समय आ गया है
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने बुलडोजर नीति पर रोक को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने एक्स पर पोस्ट कर योगी सरकार और केंद्र की मोदी सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि न्याय के सर्वोच्च आदेश ने बुलडोज़र को ही नहीं बल्कि बुलडोजर का दुरुपयोग करनेवालों की विध्वंसक राजनीति को भी किनारे लगा दिया है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश से आज बुलडोज़र के पहिये खुल गये हैं और स्टीयरिंग हत्थे से उखड़ गया है। उन्होंने कहा कि ये उनके लिए पहचान का संकट है जिन्होंने बुलडोज़र को अपना प्रतीक बना लिया था। अब न बुलडोज़र चल पायेगा, न उसको चलवानेवाले। दोनों के लिए ही पार्किंग का समय आ गया है। आज बुलडोज़री सोच का ही ध्वस्तीकरण हो गया है। अब क्या वो बुलडोज़र का भी नाम बदलकर उसका दुरुपयोग करेंगे? दरअसल ये जनता का सवाल नहीं, एक बड़ी आशंका है।
दरअसल, किसी अपराध में आरोपित के घर पर बुलडोजर चलाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर सख्त रुख अख्तियार कर बुलडोजर कार्रवाई पर रोक लगा दी है। शीर्ष अदालत ने कहा कि जहां देश कानून से चलता है, वहां परिवार के किसी सदस्य द्वारा कानून का उल्लंघन करने पर अन्य सदस्यों के विरुद्ध या उनके कानूनी ढंग से बनाए गए घर पर कार्रवाई नहीं हो सकती। फिलहाल इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में अब अगली सुनवाई 1 अक्टूबर को होगी। सुप्रीम कोर्ट की ओर से कहा गया कि अगली सुनवाई तक हमारी अनुमति लेकर ही एक्शन लें। हालांकि, कोर्ट ने साफ किया कि सड़क, फुटपाथ या रेलवे लाइन को रोककर किए गए अवैध निर्माण पर यह निर्देश लागू नहीं होगा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह सभी पक्षों को सुन कर बुलडोजर कार्रवाई को लेकर देश भर में लागू होने वाले दिशा निर्देश बनाएगा।