राहुल गांधी की सजा पर रोक लगाए जाने के बाद अमेठी के कांग्रेस कार्यकर्ताओं में जश्न का माहौल
punjabkesari.in Friday, Aug 04, 2023 - 09:54 PM (IST)

अमेठी: उच्चतम न्यायालय द्वारा मोदी सरनेम मानहानि मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की सजा पर रोक लगाए जाने के बाद अमेठी के कांग्रेस कार्यकर्ताओं में जश्न का माहौल है। अमेठी के लोगों ने कहा कि आज देश में मोहब्बत की जीत हुई है और नफरत की हार। कांग्रेस के अमेठी जिला अध्यक्ष प्रदीप सिंघल के नेतृत्व में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने केंद्रीय कार्यालय अमेठी में एक दूसरे को मिठाईयां खिलाकर राहुल गांधी की सजा पर रोक लगाये जाने का जश्न मनाया। सिंघल ने कहा, ''आज भाजपा का षड्यंत्र विफल हुआ, नफरत की पराजय और मोहब्बत की जीत हुई है।'' उन्होंने कहा, ‘‘यह सिर्फ राहुल जी की जीत नहीं हर उस देशवासी की जीत है, जिसने नफरत के बजाय मोहब्बत को चुना है।'' न्यायालय का फैसला आते ही अमेठी में खुशी की लहर दौड़ गई। केंद्रीय कांग्रेस कार्यालय गौरीगंज में जिला अध्यक्ष प्रदीप सिंघल की अगुवाई मे सैकड़ो कांग्रेस नेता कार्यकर्ता एकत्र होकर राहुल गांधी जिंदाबाद के नारे लगाने लगे। सिंघल ने कहा कि भाजपा एवं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अगर न्यायपालिका का सम्मान करते हैं तो देश की जनता से माफ़ी मांगे।
किस मामले पर हुई सुनवाई
गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता बहाल करने का मार्ग प्रशस्त करते हुए मोदी उपनाम को लेकर की गई टिप्पणी के संबंध में 2019 में उनके खिलाफ दर्ज आपराधिक मानहानि मामले में शुक्रवार को उनकी दोषसिद्धि पर रोक लगा दी। लोकसभा अध्यक्ष अब उनकी सदस्यता बहाल कर सकते हैं या राहुल गांधी शीर्ष अदालत के आदेश के परिप्रेक्ष्य में एक सांसद के रूप में अपनी सदस्यता बहाल करने की अपील कर सकते हैं।
लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने शुक्रवार को लोकसभा अध्यक्ष से मुलाकात कर राहुल गांधी की सदस्यता बहाल करने का आग्रह किया। न्यायमूर्ति बी आर गवई, न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ ने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं, कि टिप्पणी उचित नहीं थी और सार्वजनिक जीवन में भाषण देते समय एक व्यक्ति से सावधानी बरतने की उम्मीद की जाती है। पीठ ने कहा, ‘‘निचली अदालत के न्यायाधीश द्वारा अधिकतम सजा देने का कोई कारण नहीं बताया गया है, ऐसे में अंतिम फैसला आने तक दोषसिद्धि के आदेश पर रोक लगाने की जरूरत है।''
दोषसिद्धि पर रोक लगाने के अनुरोध वाली याचिका खारिज
शीर्ष अदालत गुजरात उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देने वाली राहुल की याचिका पर सुनवाई कर रही थी। उच्च न्यायालय ने ‘मोदी उपनाम' से जुड़े मानहानि मामले में कांग्रेस नेता की दोषसिद्धि पर रोक लगाने के अनुरोध वाली उनकी याचिका खारिज कर दी थी। गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने 13 अप्रैल 2019 को कर्नाटक के कोलार में एक चुनावी सभा में मोदी उपनाम के संबंध में की गई कथित विवादित टिप्पणी को लेकर राहुल के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया था। राहुल ने सभा में टिप्पणी की थी कि ‘‘सभी चोरों का एक ही उपनाम मोदी कैसे हो सकता है ।''