कांग्रेस कार्यकर्ताओं की पुलिस से धक्का मुक्की, अजय राय बोले- विफलताओं को छिपाने के लिए अन्याय कर रही सरकार
punjabkesari.in Monday, Dec 02, 2024 - 05:46 PM (IST)
लखनऊ/संभल: उत्तर प्रदेश में पार्टी कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाने के लिए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने लखनऊ में पार्टी कार्यालय से संभल जाने की कोशिश की लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया। संभल जाने की कोशिश के तहत राय कार के चालक की सीट पर स्वयं बैठे और उनके बगल में पार्टी के वरिष्ठ नेता पी एल पुनिया बैठे। पार्टी कार्यकर्ताओं ने उनके लिए रास्ता साफ करने के लिए पुलिस से धक्का मुक्की भी की। हालांकि, कांग्रेस पार्टी के कार्यालय के आसपास बड़ी संख्या में तैनात पुलिसकर्मियों ने राय और उनकी पार्टी के अन्य नेताओं को संभल जाने से रोक दिया।
10 दिसंबर के बाद भी सरकार बढ़ा सकती है निषेधाज्ञा कानून
राय ने संवाददाताओं से कहा, “प्रशासन ने मुझे बताया था कि संभल में 10 दिसंबर तक निषेधाज्ञा लागू है। हमने उन्हें बताया कि हमारी पार्टी का प्रतिनिधिमंडल वहां जाएगा। प्रशासन ने कहा, 10 दिसंबर से निषेधाज्ञा हटते ही उन्हें बता दिया जाएगा। निषेधाज्ञा हटते ही कांग्रेस का प्रतिनिधिमंडल निश्चित तौर पर संभल जाएगा।” एक सवाल के जवाब में राय ने कहा, “वे 10 दिसंबर के बाद निषेधाज्ञा बढ़ा सकते हैं क्योंकि उन्हें डर लग रहा है। सरकार अपनी विफलताओं को छिपाने के लिए यह अत्याचार और अन्याय कर रही है। हम निश्चित रूप से संभल जाएंगे।
कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल को रोकना सरकार की तानाशाही
कांग्रेस ने 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, “प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय के नेतृत्व में कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल को संभल जाने से रोका गया है। प्रदेश सरकार की इस तानाशाही का राय सहित कांग्रेस के साथियों ने भारी विरोध किया है। इस सरकार और पुलिस की मनमानी से हमारा साहस टूटने नहीं जा रहा। हम संभल में शांति स्थापित करने और लोगों को न्याय दिलाने का प्रयास जारी रखेंगे।” कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद पी एल पुनिया ने कहा, “संभल की वास्तविक स्थिति का पता लगाने के लिए कांग्रेस नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल जा रहा था। लेकिन, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार, कांग्रेस से डरी हुई है। इसलिए वह हमेशा इसके रास्ते पर अड़चन पैदा करती है। हमारे अध्यक्ष ने निर्णय किया है कि हम वहां निश्चित रूप से जाएंगे।
संभल में हुई हिंसा के पीछे भाजपा की साजिश: कांग्रेस
प्रदेश कांग्रेस ने कहा, “कांग्रेस पार्टी संभल में हुई हिंसा के पीछे भाजपा की साजिश और इसका चेहरा लोगों के सामने लाएगी।” दिल्ली से संभल जा रहे कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को भी उत्तर प्रदेश की सीमा पर रोक दिया गया। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता नसीमुद्दीन सिद्दीकी और पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बृजलाल खाबरी उन लोगों में शामिल थे जिन्हें पुलिस द्वारा रोका गया। पुलिस ने रविवार रात से ही लखनऊ में कांग्रेस पार्टी के कार्यालय के बाहर और पार्टी के उन नेताओं के आवास के बाहर अवरोधक लगा दिए थे, जिन्हें अजय राय के साथ संभल जाना था। संभल में कांग्रेस के नगर अध्यक्ष तौकीर अहमद ने सोमवार को संवाददाताओं से कहा, “आज, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय के नेतृत्व में कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल को संभल आना था, लेकिन पुलिस प्रशासन हर किसी को संभल आने से रोक रहा है।
संभल जाने से रोकना लोकतंत्र के खिलाफ
तौकीर अहमद ने कहा, “इससे पूर्व जिला प्रशासन ने 30 नवंबर तक संभल आने पर रोक लगा रखी थी और इससे पहले ही हमने घोषणा की थी कि हमारा प्रतिनिधिमडंल दो दिसंबर को संभल जाएगा। लेकिन, अब पुलिस प्रशासन हर किसी को संभल आने से रोक रहा है जोकि लोकतंत्र के खिलाफ है।” उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार और संभल जिला प्रशासन संभल हिंसा में पूरी तरह से विफल रहा। इस बीच, लखनऊ के मॉल एवेन्यू इलाके में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यालय के बाहर बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों को तैनात कर अवरोधक लगा दिए गए हैं। वहीं, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय और पार्टी के अन्य नेताओं को संभल के लिए निकलने का प्रयास करते हुए देखा गया। उत्तर प्रदेश विधानसभा में कांग्रेस विधायक दल की नेता आराधना मिश्रा ने लखनऊ में विधानसभा के बाहर संवाददाताओं को बताया, “संभल की घटना कोई सामान्य घटना नहीं है, बल्कि एक बड़ी घटना है।
धारा 163 लगाकर अपनी विफलताओं को छिपा रही सरकार
प्रदेश कांग्रेस प्रमुख अजय राय के नेतृत्व में कांग्रेस का एक प्रतिनिधिमंडल तथ्यों का पता लगाने के लिए वहां जाना चाहता था। लेकिन, कल रात से मुझे नजरबंद कर दिया गया है। प्रदेश कांग्रेस प्रमुख राय सहित हमारी पार्टी के नेताओं को संभल जाने से रोका जा रहा है।” मिश्रा ने कहा, “यह सरकार की तरफ से पूर्ण अराजकता है। सरकार धारा 163 लगाकर अपनी विफलताओं को छिपाने का प्रयास कर रही है और हमें लखनऊ से वहां नहीं जाने दे रही है।
उन्होंने कहा कि धारा 163 संभल में लागू है ना कि लखनऊ में।” संभल से समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसद समेत कई सपा विधायकों और सांसदों को शनिवार (30 नवंबर) को हिंसा ग्रस्त संभल जाने से रोक दिया गया था क्योंकि जिला प्रशासन ने शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए जिले में बाहरी व्यक्तियों के प्रवेश पर रोक 10 दिसंबर तक बढ़ा दी थी। गौरतलब है कि अदालत के आदेश पर शाही जामा मस्जिद के सर्वेक्षण के दौरान 24 नवंबर को संभल में हिंसा भड़क गई थी जिसमें चार लोगों की मौत हो गई थी और कई अन्य घायल हो गए थे। यह सर्वेक्षण उस याचिका से जुड़ा है जिसमें दावा किया गया है कि इस मस्जिद के स्थान पर कभी हरिहर मंदिर हुआ करता था।