Shiv Kachari: प्रयागराज में देश की एकमात्र शिव कचहरी, लोग अपने गुनाहों की कान पकड़कर मांगते हैं माफी
punjabkesari.in Monday, Jul 10, 2023 - 04:59 PM (IST)

प्रयागराज, Shiv Kachari (सैय्यद रज़ा): वैसे तो सावन महीने में देश के अलग-अलग शिवालयों और शिव मंदिरों मे भीड़ देखी जाती है, लेकिन संगम नगरी प्रयागराज में भगवान शिव का एक अनोखा धाम है-शिव कचेहरी। भगवान शिव के इस धाम में भोले भंडारी कल्याण दाता के रूप में नहीं बल्कि एक न्यायाधीश के रूप में प्रतिष्ठित हैं। यहां शंकर ही जज और शंकर ही वकील और यहां आने वाले उनके भक्त मुलजिम। पूरी तरह से एक अदालत की शक्ल में बने इस शिवालय में श्रद्धालु जाने अनजाने खुद से हुई गलतियों और पापों से माफी मांगने के लिए यहां आते हैं। 288 शिवलिंग वाले इस शिवमंदिर में शिव भक्त कान पकड़कर शिव जी के सामने उठक बैठक लगते है। ताकि महादेव उनकी गलतियों और पाप से उन्हें मुक्त कर दें।
प्रयागराज के गंगा तट पर बनी यह इमारत को पहली नजर में देखने से अग्रेजी हुकूमत के समय की अदालतों की तस्वीर तरो-ताजा हो जाती है। वर्गाकार आक्रति में बनी इस इमारत में गुम्बद रहित यह स्थान है। एक अदालत लेकिन कोई सरकारी अदालत नहीं बल्कि भोले भंडारी भगवान शिव की ऐसी अदालत जिसे भक्त शिव कचेहरी के नाम से पुकारते हैं। महादेव के इस धाम शिव की कचहरी में भगवान शिव न्यायाधीश के रूप में हैं और यहां आने वाले शिव -भक्त मुलजिम के रूप में इस शिव धाम में कुल 288 शिवलिंग हैं। जिसमे एक प्रमुख बड़े शिवलिंग को भक्त न्यायाधिपति के रूप में देखते हैं और शेष 287 लघु -शिवलिंगों को वकीलों के रूप में देखते हैं।
कहते है कि इंसान को उसके पुन्य कर्मों का फल तब तक नहीं मिलता जब तक वह पापों से मुक्त न हो जाए। इस शिव की अदालत में पहुंचने वाले शिव भक्त यहां पर पुण्य की प्राप्ति की कामना के लिए नहीं आते बल्कि जाने अनजाने में हुई गलतियों या पापों से मुक्ति की कामना उन्हें यहां खीच लाती है। शिव कचेहरी में आकर भक्त यहां शिव जी की पूजा अर्चना करते हैं और फिर आखिर में क्षमा याचना के लिए न्याय स्वरूप शिव के सामने कान पकड कर उठक -बैठक लगाते हैं।