कोर्ट ने माना मौलाना तौकीर को 2010 में हुए बरेली दंगे का मास्टरमाइंड, 11 मार्च को कोर्ट में पेश होने का आदेश

punjabkesari.in Wednesday, Mar 06, 2024 - 05:33 PM (IST)

बरेली: उत्तर प्रदेश के बरेली के रहने वाले मौलाना तौकीर रज़ा की मुश्किलें बढ़ गई हैं। कोर्ट ने तौकीर को बरेली दंगों का मास्टरमाइंड माना है। कोर्ट परिसर में हुई हिंसा से जुड़े मामले में वे मुख्य आरोपी हैं। कोर्ट ने तौकीर रज़ा के खिलाफ समन जारी किया है। सुनवाई के दौरान कहा कि तत्कालीन एसएसपी, डीआईजी, आईजी, कमिश्नर और डीएम ने सत्ता के इशारे पर काम किया। अदालत ने मौलाना तौकीर को समन जारी कर 11 मार्च को तलब किया है। कोर्ट ने दंगों के दौरान मौजूद पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों की भी आलोचना की है, जिसमें ADG, IG, SSP, कमिश्नर और DM शामिल हैं। कोर्ट के आदेश की एक प्रति मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भेजी गई है। कोर्ट ने बरेली दंगों के मामले का स्वत: संज्ञान लेते हुए यह फैसला दिया है।
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न्यायाधीश रवि कुमार ने कहा कि मार्च 2010 में बरेली में दंगा भड़काने वाले मौलाना तौकीर का नाम पर्याप्त साक्ष्य होने के बावजूद चार्जशीट में शामिल नहीं किया गया। अधिकारियों ने दंगे के आरोपी और मुख्य सरगना मौलाना तौकीर रजा खां का सहयोग किया। इसलिए इस फैसले की प्रति मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यालय में आवश्यक कार्रवाई के लिए भेजी जाएगी। इस मामले में विवेचक तत्कालीन इंस्पेक्टर सुभाष चंद्र यादव और कई गवाहों ने अपने बयान दर्ज कराए थे। इसमें जुलूस-ए-मोहम्मदी के दिन मौलाना तौकीर पर दंगा भड़काने का आरोप लगाते हुए साक्ष्य प्रस्तुत किए थे। पत्रावली का अवलोकन करने के बाद कोर्ट ने दंगे के आरोपी रिजवान, दानिश, राजू, हसन, सौबी रजा, यासीन की हाजिरी माफी स्वीकार कर ली। पेशी से लगातार गैरहाजिर रहने पर बाबू खां, आरिफ, अमजद अहमद, निसार अहमद, अबरार, राजू उर्फ राजकुमार, कौसर के खिलाफ कोर्ट ने गैरजमानती वारंट जारी किए थे। साथ ही प्रेमनगर पुलिस को गिरफ्तार कर पेश करने का आदेश दिया था। 
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बरेली में 2010 में हुआ था दंगा
शहर में दो मार्च 2010 को जुलूस-ए-मोहम्मदी के दिन दंगा हुआ था। मोहल्ला सौदागरान निवासी आला हजरत खानदान से जुड़े आईएमसी अध्यक्ष मौलाना तौकीर रजा खां ने भड़काऊ भाषण दिया था। इस पर भीड़ ने पुलिस चौकी फूंक दी थी। कई घरों को आग के हवाले कर दिया था। मौलाना और उनके समर्थकों के खिलाफ बलवा, सरकारी कार्य में बाधा, सेवन क्रिमिनल लॉ अमेंडमेंट एक्ट, जानलेवा हमला, धार्मिक भावनाएं भड़काने, लोक संपत्ति निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था। 


 


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Content Writer

Tamanna Bhardwaj

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