लाखों के कर्ज में डूबा था किसान, खेत पर जाकर खत्म कर ली जिंदगी

punjabkesari.in Sunday, Mar 03, 2019 - 01:04 PM (IST)

मथुरा: किसान की खुशहाली के सरकारी आंकड़े हकीकत से जुदा हैं। आज भी किसान सरकारी बैंकों और शाहूकारों के कर्ज तले दबकर आत्महत्या कर रहा है। सुरीर कोतवाली क्षेत्र में खेत पर सो रहे एक किसान की गोली लगने से मौत हो गई। शनिवार की सुबह किसान मृत अवस्था में मिला। उसके सीने में गोली लगी है। पुलिस प्रथम दृष्टया आत्महत्या का मामला मान रही है। मौके से तमंचा भी पुलिस को मिला है। किसान पर 8 लाख रुपए का कर्ज बताया जा रहा है। किसान की मौत से परिवार में कोहराम मच गया है। सुरीर के गांव डड़ीसरी निवासी ऊदल (45) पुत्र छिद्दा शुक्रवार शाम को खेत पर रखवाली करने गया था। ऊदल रात में वहीं चारपाई पर सो गया। सुबह जब कुछ ग्रामीण खेतों पर गए तो उन्होंने किसान ऊदल को चारपाई पर खून से लथपथ पाया।

बैंक नहीं दे रहे थे लोन, शाहूकार ले रहे जान
प्रदेश सरकार की कर्जमाफी का लाभ पाने वाले किसानों को बैंकों ने अघोषित रूप से डिफाल्टर मान लिया है। बैंक यह मान कर चल रहे हैं कि ये वे किसान हैं जो कर्ज लेकर कभी चुकाते नहीं हैं और कर्जमाफी का इंतजार करते रहते हैं। ऐसे में बैंक इन किसानों को कर्ज देने से कतरा रहे हैं। गरीब किसानों को जरूरत पर शाहूकारों से मोटी ब्याज पर कर्ज लेना पड़ता है। शाहूकार मनमाने ब्याज लगाकर पैसा वसूलते हैं और इनका पैसा दोगुने से तीन गुना होता चला जाता है। जब उत्पीड़न की शिकायत कोई थाने में करता है तो पुलिस शाहूकार का ही साथ देती है और पैसे वापस नहीं करने की स्थिति में जेल भेजने की धमकी भी दी जाती है।


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