दिल्ली नहीं, लखनऊ था असली निशाना! ATS के खुलासे ने उड़ाए सुरक्षा एजेंसियों के होश; बड़े आतंकी नेटवर्क का पर्दाफाश

punjabkesari.in Wednesday, Nov 12, 2025 - 10:03 AM (IST)

Lucknow News: राजधानी दिल्ली के लाल किले के पास हुए ब्लास्ट के बाद सुरक्षा एजेंसियां पूरी तरह सतर्क हो गई हैं। अब तक की जांच में सामने आया है कि धमाके की योजना केवल दिल्ली तक सीमित नहीं थी, बल्कि उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ को भी निशाना बनाने की कोशिश की जा रही थी।

गुजरात ATS ने की 3 संदिग्धों की गिरफ्तारी
गुजरात एंटी-टेररिस्ट स्क्वायड (ATS) ने अहम खुलासा किया है। एटीएस ने बताया कि पिछले एक साल से इन संदिग्धों पर नजर रखी जा रही थी। 9 नवंबर को अहमदाबाद के पास आदलज टोल प्लाजा के निकट एक संयुक्त ऑपरेशन में तीन संदिग्ध गिरफ्तार किए गए। गिरफ्तार संदिग्ध हैं:-
- हैदराबाद का डॉक्टर अहमद मोहिउद्दीन सैयद
- लखीमपुर खीरी (यूपी) का मोहम्मद सुहेल सलीम खान
- शामली (यूपी) का आजाद सुलेमान शेख
गिरफ्तारी के समय उनके पास से दो ग्लॉक पिस्टल, एक बेरेटा पिस्टल, 30 जिंदा कारतूस और चार लीटर कैस्टर ऑयल बरामद हुआ, जिसे रिसिन जैसे जैविक हथियार बनाने में इस्तेमाल किया जा सकता था।

रेकी और निशाने की योजना
पूछताछ में मोहम्मद सुहेल ने बताया कि समूह ने लखनऊ, दिल्ली और अहमदाबाद में भीड़-भाड़ वाले इलाकों की रेकी की थी। खासकर लखनऊ में धार्मिक स्थल, सांस्कृतिक केंद्र और पर्यटन स्थल उनके निशाने पर थे। सुहेल ने यह भी खुलासा किया कि यह साजिश किसी बड़े आतंकी संगठन के इशारे पर बनाई गई थी और इसमें पाकिस्तान से हथियार सप्लाई करने की योजना भी शामिल थी।

जैविक हमला और मास्टरमाइंड
डॉ. अहमद सैयद, जो चीन में मेडिकल पढ़ाई करने के बाद हैदराबाद लौटे, कथित तौर पर इस मॉड्यूल के मास्टरमाइंड थे। वह रिसिन जैसे जैविक जहर को हथियार के रूप में इस्तेमाल करने की तैयारी कर रहे थे। बाकी दो संदिग्धों ने राजस्थान के हनुमानगढ़ से हथियार मंगवाए और सैयद को सप्लाई किए। एटीएस का कहना है कि ये लोग विदेशी संपर्कों से जुड़े हुए थे और रेडिकल विचारधारा से प्रभावित थे।

यूपी ATS की जांच और नेटवर्क तोड़ने की कोशिश
यूपी ATS ने मोहम्मद सुहेल के सहयोगियों की पहचान करने के लिए व्यापक जांच शुरू कर दी है। लखनऊ और अन्य संभावित शहरों की सूची तैयार की जा रही है। यह भी पता लगाया जा रहा है कि संदिग्ध किस अंतरराष्ट्रीय आतंकी नेटवर्क से जुड़े थे। यूपी डीजीपी के निर्देश पर राज्य की सभी सीमाओं पर सतर्कता बढ़ा दी गई है और पुलिस व खुफिया एजेंसियां हर जगह निगरानी कर रही हैं।

डॉक्टर शाहीन और भाई से पूछताछ
इसके अलावा, फरीदाबाद से गिरफ्तार डॉक्टर शाहीन शाहिद और उनके भाई डॉ. परवेज शाहिद अंसारी से भी गहन पूछताछ चल रही है। शुरुआती जांच में पता चला कि ये दोनों भी इस नेटवर्क से जुड़े हो सकते हैं। यूपी ATS पूरी कड़ी को खंगालने में जुटी हुई है।

किस संगठन का हाथ?
एटीएस के सूत्रों ने बताया कि संदिग्धों के फोन और डिजिटल डिवाइस में विदेशी नंबर और एन्क्रिप्टेड मैसेज मिले हैं। ये संदेश संभवतः ISKP (इस्लामिक स्टेट खोरासान प्रांत) या पाकिस्तान स्थित आतंकी तत्वों से जुड़े हो सकते हैं। साइबर फॉरेंसिक जांच अभी जारी है। DIG जोशी ने कहा कि यह गिरफ्तारी न केवल गुजरात बल्कि पूरे देश की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है। हमारी टीमें लगातार नेटवर्क को ट्रेस कर रही हैं। राज्यभर की सुरक्षा एजेंसियां हाई अलर्ट पर हैं और कोई भी संदिग्ध गतिविधि बर्दाश्त नहीं की जा रही है।


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Content Editor

Anil Kapoor

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