चिकित्सक नियमित रूप से ओपीडी में बैंठे: CM योगी बोले- जाति के नाम पर विलाप करने वाले समाज और देश को कमजोर करते हैं

punjabkesari.in Tuesday, Dec 05, 2023 - 11:35 PM (IST)

Lucknow News: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि चिकित्सक नियमित रूप से ओपीडी में बैठें और मरीजों की केस स्टडी तैयार करने के साथ चिकित्सा शिक्षा में शोध को बढ़ावा दें।लोकभवन में ‘मिशन रोजगार’ के तहत आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने विपक्षी दलों पर कटाक्ष करते हुये कहा कि जाति के नाम पर विलाप करने वाले लोग समाज और देश को कमजोर करते हैं। 2017 के पहले प्रदेश में इंसेफेलाइटिस से होने वाली मौतें इनके चेहरों को बेनकाब करती थीं। 40 वर्षों में इंसेफेलाइटिस से 50 हजार से अधिक बच्चों की मौतें हुईं, लेकिन जाति-जाति करने वाले लोग वोट बैंक की राजनीति करते रहे, जो उनकी संवेदनहीनता को प्रदर्शित करती है। आज उत्तर प्रदेश में इंसेफेलाइटिस पूरी तरह से नियंत्रण में है। इससे होने वाली मौतों में 96 से 98 प्रतिशत तक की कमी आई है।
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उन्होंने कहा कि चिकित्सा शिक्षा और आयुष से जुड़े लेक्चरर, असिस्टेंट प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर और चिकित्सा शिक्षा से जुड़े कॉलेजों के प्रिंसिपल नियमित ओपीडी में बैठें। जितने भी पेशेंट देखें, उनकी केस स्टडी तैयार करें। साथ ही चिकित्सा शिक्षा में शोध को बढ़ावा दें। इस दौरान उन्होंने कहा कि 2017 के पहले उत्तर प्रदेश में विकास की बात तो दूर, यहां के लोगों के सामने पहचान का संकट था। साढ़े छह वर्षों में हमारी सरकार के द्वारा किए गए कार्यों का नतीजा है कि आज यहां का व्यक्ति अपनी पहचान छिपाता नहीं है, बल्कि जो यूपी का नहीं है, वह भी खुद को उत्तर प्रदेश का बताता है।
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योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में पिछले साढ़े छह वर्ष में उत्तर प्रदेश ने अपनी स्वास्थ्य सेवाओं को काफी बेहतर किया है। 1947 से 2017 तक प्रदेश में केवल 12 मेडिकल कॉलेज बन पाए थे। आज उत्तर प्रदेश में 65 मेडिकल कॉलेज हैं, जिनमें कई क्रियाशील भी हो चुके हैं। सीएम ने कहा कि प्रदेश में डबल इंजन की सरकार होने की वजह से विकास की स्पीड कई गुना बढ़ गई है। रायबरेली और गोरखपुर के एम्स ने कार्य करना प्रारंभ कर दिया है। आज प्रदेश में एलोपैथ के साथ-साथ ट्रेडिशनल मेडिसिन को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। भारत सरकार द्वारा आयुष मंत्रालय के गठन के बाद उत्तर प्रदेश ने भी आयुष विभाग का गठन किया। आज उत्तर प्रदेश के पास आयुष विश्वविद्यालय है, जो नए कॉलेजों की मान्यता देने की कार्रवाई को तेजी के साथ आगे बढ़ा रहा है। उन्होंने कहा कि पैरामेडिक्स और स्टाफ नर्स प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं की बैकबोन हैं। पेशेंट के साथ इनका व्यवहार ऐसा होना चाहिए कि ठीक होने के बाद पेशेंट उन्हें हमेशा याद रखे। सीएम योगी ने कहा कि आज प्रदेश में मलेरिया, चिकनगुनिया, कालाजार और डेंगू पूरी तरह से नियंत्रण में है। 2017 से पहले और उसके बाद के आंकड़ें इसके गवाह हैं।


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Content Editor

Mamta Yadav

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