UP Election 2022: बिकरू समेत दर्जनों गांव में इसबार ‘विकास दुबे'' के नाम पर नहीं बल्कि ‘विकास'' के मुद्दे पर होगा मतदान

punjabkesari.in Saturday, Feb 19, 2022 - 09:43 PM (IST)

कानपुर: उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले के बिल्हौर विधानसभा क्षेत्र में बिकरू और आसपास के एक दर्जन अन्य गांवों में रहने वाले करीब 40,000 मतदाता जब रविवार को अपना मत डालेंगे तो इस बार उनके मन में 'विकास दुबे' का कोई खौफ नहीं होगा। स्थानीय लोगों के अनुसार इस बार चुनाव में बिल्हौर विधानसभा क्षेत्र में विकास, कानून-व्यवस्था, नौकरी और आवारा पशुओं की अधिकता प्रमुख मुद्दे होंगे, जिन पर मतदान होगा। लोगों का कहना है कि पिछले चुनाव में मतदाताओं को दुबे समर्थित उम्मीदवारों को वोट देने के लिए मजबूर किया जाता था।

गौरतलब हैं कि कानपुर जिले के चौबेपुर थाना क्षेत्र के बिकरू गांव में दो जुलाई, 2020 की रात को आठ पुलिसकर्मियों की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। यह पुलिस टीम बिकरू निवासी कुख्यात माफिया विकास दुबे को पकड़ने के लिए उसके घर दबिश देने गई थी। पुलिस का आरोप है कि विकास दुबे और उसके सहयोगियों ने एक पुलिस उपाधीक्षक समेत आठ पुलिसकर्मियों पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर उनकी हत्या की थी। बिकरू गांव के 57 वर्षीय विशंभर शुक्ला ने कहा, ''हम तो सिर्फ बटन दबाया करते थे, लेकिन वोट विकास दुबे का हुआ करता था। दुबे के निर्देश पर लोग उसके उम्मीदवार के पक्ष में वोट करते थे।''

सरकारी इंटर कॉलेज के शिक्षक संग्राम सिंह वर्मा ने बताया कि विकास दुबे की मौत ने बिल्हौर विधानसभा क्षेत्र की राजनीति को पूरी तरह से बदलकर रख दिया है। उन्होंने बताया, ‘‘वह (दुबे) क्षेत्र में एक बड़ा शक्ति केंद्र था और उसकी अनुपस्थिति में लोग अब अपनी पसंद के उम्मीदवार को वोट देने के लिए पूरी तरह से स्वतंत्र हैं।''

बिकरू के ग्राम प्रधान संजय कमल ने बताया कि पहले चुनाव के दौरान सभी दलों के उम्मीदवार विकास दुबे के बिकरू स्थित घर पर मिलने जाते थे और जिस उम्मीदवार को दुबे से समर्थन का आश्वासन दिया जाता था, उसे बिना प्रचार के ही सभी वोट मिल जाते थे। कमल ने कहा, ‘‘इस बार सभी राजनीतिक दलों के उम्मीदवार क्षेत्र में प्रचार कर रहे हैं और स्थानीय लोगों से उन्हें वोट देने का अनुरोध कर रहे हैं।'' बिल्हौर अनुसूचित जाति के उम्मीदवारों के लिये आरक्षित निर्वाचन क्षेत्र है, जिसके अन्तर्गत बिकरू गांव आता है। बिल्हौर विधानसभा क्षेत्र में करीब चार लाख पंजीकृत मतदाता हैं। इनमें से कोरी, गौतम, सोनकर और अन्य सहित लगभग 1.5 लाख अनुसूचित जाति के मतदाता हैं। निर्वाचन क्षेत्र में लगभग 30,000 क्षत्रिय, 50,000 मुस्लिम और 60,000 ब्राह्मण और यादव मतदाता हैं।

दुबे का बिकरू, डिब्बा निवादा, भिती, सुज्जा निवादा, जदेपुर, तकीपुर और आसपास के गांवों में रहने वाले 40,000 से अधिक मतदाताओं पर गहरा प्रभाव था। बिल्हौर विधानसभा क्षेत्र से 2017 में भगवती प्रसाद सागर ने भाजपा के टिकट पर जीत हासिल की थी। सागर हाल ही में समाजवादी पार्टी में शामिल हुए और घाटमपुर निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे हैं। भाजपा ने इस सीट से राहुल बच्चा उर्फ राहुल सोनकर को उतारा है। राहुल को मौजूदा चुनाव में समाजवादी पार्टी की रचना सिंह गौतम और कांग्रेस की उषा रानी कोरी के खिलाफ खड़ा किया गया है। यद्यपि विकास दुबे और उसके करीबी सहयोगियों को पुलिस ने मुठभेड़ में मार गिराया था, लेकिन जिन लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया था उनके परिवार को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

जेल में बंद बोपाल और गोविंद सैनी की 58 वर्षीय मोतियाबिंद से ग्रसित मां रानी सैनी ने कहा कि उनके बेटों को रिहा कर दिया जाए। उन्होंने बताया, ‘‘मेरे बेटों को पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए एक साल से अधिक समय हो गया है। मेरे बेटे इस घटना में शामिल नहीं थे। वे केवल दुबे के लिए काम करते थे। अदालत को उनके मामले को सुनना चाहिए और उनकी अंधी मां के लिए कुछ सहानुभूति दिखाते हुए उन्हें रिहा करना चाहिए।''


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Mamta Yadav

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