मुरादाबाद सीट पर बिछी चुनावी बिसातः एक दूसरे के वाेटबैंक में सेंधमारी में जुटे सपा-भाजपा, मुस्लिम मतों को जोड़ने में लगी बसपा

punjabkesari.in Saturday, Mar 30, 2024 - 05:21 PM (IST)

मुरादाबाद: मुरादाबाद लोकसभा सीट पर चुनावी बिसात में शह और मात के लिए हर जोर आजमाइश में राजनीतिक दलों के दिग्गज व प्रत्याशी जुट गए हैं। एक दूसरे के वोटों में सेंधमारी के साथ ही अपने परंपरागत मतों पर मुस्तैद निगाहें हैं। सपा ने इस बार मुस्लिम चेहरे की बजाय आखिरी क्षणों में रुचि वीरा को उतारकर हिंदू मतों का भाजपा की ओर ध्रुवीकरण रोकने और आधी आबादी को रिझाने की पुरजोर कोशिश की है।

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रुचि वीरा को उतार सपा का मुस्लिम व पिछड़ा वर्ग के साथ सवर्ण मतों के ध्रुवीकरण पर जोर
मुरादाबाद लोकसभा सीट में मुस्लिम मतदाता निर्णायक भूमिका में रहते हैं। लेकिन, भाजपा के हिंदू वोटरों के एकजुट होने से कई बार खेल का रुख पलट जाता है और जीत का पलड़ा कहीं भी झुक जाता है। भाजपा से लगातार चौथी बार मैदान में उतरे पूर्व सांसद कुंवर सर्वेश कमल खिलाने में जुटे हैं तो सपा ने पहले अपने वर्तमान सांसद डॉ. एसटी हसन को टिकट दिया लेकिन, नामांकन के आखिरी दिन ऐन वक्त पर बिजनौर की पूर्व विधायक रुचि वीरा को पार्टी का सिंबल देकर चुनावी दंगल में उतार दिया। इसके पीछे पार्टी के परंपरागत वोटरों को साधने के साथ  ही भाजपा के हिंदू वोटरों में सेंधमारी कर चुनाव को अपने पक्ष में करने की सोच है। वहीं मान्यता प्राप्त दलों में एकमात्र महिला प्रत्याशी होने का लाभ भी सपा लेने में जुटी है। वह आधी आबादी के हक की बात कर उनको रिझाने में जोर लगा रही हैं। ऐसे में रुचि वीरा के आने के बाद दलीय समीकरणों में घालमेल हो गया है। अब सभी एड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं। सपा की प्रत्याशी ने नामांकन के बाद ही मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों में जाने के अलावा मंदिरों में भी मत्था टेकना शुरू कर दिया है। जिससे भाजपा खेमे भी हलचल है। हालांकि भाजपा भी सपा के वर्तमान सांसद डॉ. एसटी हसन का टिकट काटे जाने के बाद उनकी दुखती रग पर हाथ रखकर उनकी नाराजगी का लाभ लेने में पीछे नहीं है। भाजपा मुस्लिम मतों के बिखराव पर जोर दे रही है। सपा के अंदरूनी कलह का लाभ अपने पक्ष में कर कमल खिलाने में भाजपाई रणनीतिकार जुटे हैं। महानगर के अलावा आसपास की विधानसभाओं में भी प्रत्याशियों ने जनसंपर्क में तेजी ला दी है।



मुस्लिम मतों को जोड़ने में लगी बसपा
बसपा के प्रत्याशी इरफान सैफी व उनके दल के दिग्गजों की चुनाव लड़ने की रणनीति आक्रामक है। एक तरफ वह पार्टी के परंपरागत वीटरों को सहेज रहे हैं तो दूसरी ओर मुस्लिम मतों खासकर सपा के प्रभाव वाले क्षेत्रों में यह तान छेड़ रहे हैं कि सपा मुस्लिम विरोधी है। ऐसे में बसपा हाथी की चाल को गति देकर चुनाव में अपनी दमदार उपस्थिति दर्ज कराकर जीत का गणित फिट करने में जुट गई है।


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Content Writer

Ajay kumar

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