Electricity Rate: UP में 12 पैसे प्रति यूनिट बिजली महंगी करने का प्रस्ताव पेश, उपभोक्ता परिषद ने किया विरोध

punjabkesari.in Friday, Feb 03, 2023 - 11:42 AM (IST)

लखनऊः उत्तर प्रदेश में बिजली उपभोक्ताओं को एक बड़ा झटका लगने वाला है। जहां पर बार फिर बिजली महंगी हो सकती है। पावर कारपोरेशन ने 12 पैसे प्रति यूनिट बिजली महंगी करने का फैसला लिया है। कुछ दिन पहले भी बिजली की कीमतों में बढ़ोतरी करने का प्रस्ताव पेश किया गया था। अब बिजली की कीमतों को बढ़ाने के प्रस्ताव पर निर्णय की मांग की गई है। कंपनियों के इस फैसले से उपभोक्ता परिषद काफी नाराज है और उन्होंने इसका विरोध कर दिया है।

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मिली जानकारी के मुताबिक, प्रदेश में बिजली की कीमतों में बढ़ोतरी करने के लिए प्रस्ताव पेश किया गया है। फ्यूल सरचार्ज के नाम पर बिजली कंपनियां, बिजली महंगी कर उपभोक्ताओं से 387 करोड़ रुपये जुटाना चाहती है। इस संबंध में कंपनियों की ओर से दाखिल प्रस्ताव पर पावर कारपोरेशन को उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग की हरी झंडी का इंतजार है। इस बीच प्रस्ताव के विरोध में यूपी राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद (Electricity Consumers Council) ने आयोग में लोक महत्व याचिका दाखिल की है।

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आयोग से लंबित प्रस्ताव पर जल्द से जल्द हो फैसला- प्रबंध निदेशक
पावर कारपोरेशन ने कुछ दिन पहले ही बिजली की दरों में 18 से 23 प्रतिशत तक बढ़ोतरी का प्रस्ताव आयोग में दाखिल किया था। प्रस्ताव दाखिल करने के बाद अब चालू वित्तीय साल की दूसरी तिमाही जुलाई से सितंबर के लिए फ्यूल सरचार्ज के मद में 12 पैसे प्रति यूनिट की बढ़ोतरी की मांग की है। वैसे तो फ्यूल सरचार्ज के मद में 12 पैसे प्रति यूनिट बिजली महंगी करने का प्रस्ताव कारपोरेशन ने पहले ही आयोग को सौंप दिया था, लेकिन अब तक उस पर कोई फैसला नहीं हुआ था। अब कारपोरेशन के प्रबंध निदेशक ने आयोग से लंबित प्रस्ताव पर जल्द से जल्द फैसला करने की मांग की है।

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आयोग पावर कारपोरेशन के प्रस्ताव को करे खारिज-अवधेश वर्मा  
जब उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा को इस बात की जानकारी हुई तो उन्होंने गुरुवार को आयोग में याचिका दाखिल कर पावर कारपोरेशन और बिजली कंपनियों के प्रस्ताव पर सवाल उठाते हुए कहा कि 387 करोड रुपये जुटाने के एवज में 12 पैसा प्रति यूनिट बिजली महंगी करने का प्रस्ताव गलत है। वर्मा ने बताया कि मल्टी ईयर टैरिफ रेगुलेशन के पहले संशोधन के आधार पर जुलाई से सितंबर के बीच में उनके आकलन के अनुसार उपभोक्ताओं का ही फ्यूल सरचार्ज के मद में लगभग 1000 करोड़ रुपये सरप्लस निकल रहा है। ऐसे में उपभोक्ताओं की बिजली दर में 30-31 पैसे प्रति यूनिट की कमी की जानी चाहिए। परिषद अध्यक्ष ने कहा कि आयोग, पावर कारपोरेशन के प्रस्ताव को खारिज करे। 


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Content Editor

Pooja Gill

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