परिषदीय विद्यालयों की परीक्षाएं आज से शुरु, शिक्षकों ने बच्चों को दिए गुरुमंत्र

punjabkesari.in Wednesday, Mar 23, 2022 - 02:21 PM (IST)

कुशीनगर: जिले में कोरोना महामारी के समय से सबसे अधिक प्रभावित हुई परिषदीय विद्यालयों के बच्चों की शिक्षा को कुछ दिन शिक्षकों ने उपचार शिक्षा चलाई और अब उनकी परीक्षाएं चलने लगी है। ऐसे में आज पहले दिन परीक्षा के बाद हमने बच्चों में उत्साह देखा गया। शिक्षकों ने महामारी में शिक्षा की तैयारी और उनकी परेशानी बतायी। वही बच्चों को परीक्षा के लिए और मंत्र भी दिए।

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बच्चों की लिखित परीक्षा के साथ मौखिक परीक्षा भी होगी
कोविड काल के समय कुशीनगर जिले के खोटही बनकट में शिक्षकों ने बच्चे ऑनलाइन पढ़ाई कर रहे थे। अब पिछले दो साल से इन ऑनलाइन पढ़ाई के आधार पर ही बच्चों को अगली कक्षा मे प्रोन्नत कर दिया गया था। लेकिन इस बार सरकार के आदेशानुसार बच्चो की परीक्षा कराकर उनका मूल्यांकन किया जाएगा। जिसके लिए शिक्षकों को बच्चों के लिए कुछ महीने का समय मिला ऐसे में ऐसे में उत्तर प्रदेश के सभी परिषदीय और उच्च प्राथमिक विद्यालय मे परीक्षा आज से शुरू हो गयी है। इस बार परीक्षा के लिए सरकार ने पूरे प्रदेश मे एक ही समय सारणी जारी की है।इस बार की परीक्षा मे ना केवल लिखित ज्ञान बल्कि बच्चो के मौखिक ज्ञान का भी परीक्षण किया जाएगा। प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालय मे परीक्षा की तैयारी पहले ही पूर्ण कर ली गयी । पहले दिन प्राथमिक विद्यालयों की सभी एक से पांच तक की कक्षाओं मे सभी विषयों की मौखिक परीक्षा हुई। जबकि उच्च प्राथमिक विद्यालय मे दो पाली मे कला,कृषि,गृह शिल्प और शारीरिक शिक्षा एवं स्काउट गाइड की परीक्षा हुई। उसके बाद 23 मार्च से 26 मार्च तक लिखित परीक्षाएं करायी जाएगी।

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ऑनलाइन पढ़ाई और हर महीने के टेस्ट से परिक्षा हुई आसान
परीक्षा देकर निकले कम्पोजिट विद्यालय के छात्र आशीष ने बताया कोरोना महामारी के समय वह भले ही स्कूलों से दूर थे पर ऑनलाइन तैयारियां हो रही थी जबसे क्लास चली है तब से हम लोग लगातार बेहतर शिक्षा पा रहे हैं हर महीने टेस्ट होते रहने के कारण हमें कुछ ज्यादा दिक्कत महसूस नहीं हो रहा है हालांकि अभी कुछ विषयों के सिलेबस भले बाकी हैं पर हमारी तैयारियां पूरी हैं।

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शिक्षकों ने बच्चों को दिए गुरु मंत्र
प्रधानाचार्य सूर्य प्रताप ने बच्चों को हौसला देते हुए कहा कि परीक्षा के समय उन्हें पॉजिटिव रहना चाहिए। किसी भी तनाव में आकर परीक्षा नहीं देनी चाहिए। हां बस यह बेहद जरूरी है की उनके तरफ से परीक्षा की तैयारियों में कोई कमी ना रह जाए। जिसका मलाल परीक्षा के बाद उन्हें महसूस करना पड़े। हालांकि कोरोना काल ने शिक्षा जरूर प्रभावित की लेकिन उपचारित शिक्षा और हम अध्यापकों के प्रयास ने सभी बच्चे परीक्षण उत्साहित हैं। बच्चों के उज्जवल भविष्य की कामना करता हूं।  


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Content Writer

Ramkesh

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