4 साल की मासूम से रेप के बाद हत्याः कोर्ट ने कहा- दरिंदे को फांसी पर तब तक लटकाओ जब तक मृत्यु न हो जाए
punjabkesari.in Wednesday, Jul 26, 2023 - 09:45 PM (IST)

बुलंदशहर: जघन्य अपराधों को करने वाले अपराधियों को सजा दिलाने के लिए ऑपरेशन कनविक्शन शुरू किया गया। बुलंदशहर में विशेष पॉस्को कोर्ट के न्यायाधीश ध्रुव राय ने महज 3 माह में वाद का निस्तारण कर 4 साल की मासूम बच्ची का रेप कर हत्या करने के दोषी फईम मिस्त्री को फांसी की सजा सुनाई है। महज 3 माह में दोषी को फांसी की सजा सुनाए जाने से पीड़ित परिवार में हर्ष व्याप्त है।
ये था पूरा मामला?
विशेष न्यायाधीश पॉस्को कोर्ट के विशेष लोक अभियोजक भरत शर्मा, वरुण कौशिक, धर्मेंद्र राघव और एडीजीसी क्राइम आशुतोष सिसोदिया ने बताया कि 23 अप्रैल 2023 को जनपद के जहांगीराबाद कोतवाली क्षेत्र में 4 साल की मासूम बच्ची से रेप कर हत्या करने के आरोप में बच्ची की मां ने फईम पुत्र शम्मी मिस्त्री निवासी जहांगीराबाद के खिलाफ धारा 376 एबी, 302 आईपीसी और 5/ 6 पॉक्सो अधिनियम के तहत रिपोर्ट दर्ज कराई थी। आरोप था कि फईम घर के बाहर खेल रही बच्ची को बहला-फुसलाकर ले गया और फिर उसके साथ दरिंदगी की वारदात को अंजाम दिया गया और हत्या कर पलंग के नीचे शव को छुपा दिया था।
ऑपरेशन कनविक्शन के तहत चिन्हित हुआ अपराध
एसएसपी श्लोक कुमार ने बताया कि जहांगीराबाद पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपी को अविलंब गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया और त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोप पत्र दाखिल किया। सरकार द्वारा चलाए गए ऑपरेशन कनविक्शन के तहत वाद को चिन्हित किया गया और मामले की सशक्त पैरवी की गई। जिसके बाद वारदात के महज 3 माह में अभियुक्त को दोषी करार दे वाद का निस्तारण हो सका।
35 साल के दरिंदे को फांसी पर तब तक लटकाया जाए, जब तक उसकी मृत्यु न हो जाए-
विशेष न्यायाधीश पोक्सो कोर्ट बुलंदशहर के विशेष लोक अभियोजक भरत शर्मा, वरुण कौशिक, धर्मेंद्र राघव और एडीजीसी आशुतोष सिसोदिया ने बताया कि मामले में कुल 9 गवाह पेश किए गए। न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत साक्ष्यों, गवाहों के बयानों और दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद बुधवार को न्यायधीश ध्रुव राय ने फईम पुत्र शम्मी मिस्त्री निवासी जहांगीराबाद को मासूम बच्ची की रेप के बाद हत्या के मामले में दोषी करार दे फांसी की सजा सुनाई है। विशेष न्यायाधीश पॉस्को ध्रुव रॉय ने जघन्य अपराध के मामले में जारी किए गए दंड आदेश में स्पष्ट अंकित किया है कि दोषी फईम को फांसी के फंदे पर तब तक लटकाया जाए जब तक उसकी मृत्यु न हो जाए।