कारे बदरा, कारे बदरा मेघा तो बरसाओ, किसानों की अंतिम आस, इंद्र देवता से लगाई गुहार

punjabkesari.in Sunday, Jul 17, 2022 - 04:36 PM (IST)

गोरखपुर:  ‘कारे बदरा, कारे बदरा मेघा तो बरसाओ’ जी हां लगान मूवी के इस गीत को तो आपने जरूर सुना होगा जहां बारिश  न होने पर ग्रामीण इंद्र देवता को मनाने के लिए यह गीत गुनगुनाते हैं। इस वक्त गोरखपुर और उसके आसपास के किसान भी यही कहने को मजबूर हैं कि हे इंद्र देवता, हे मेघराज जल्द कृपा करें नहीं तो हम किसानों का क्या होगा जो आपकी कृपा पर ही निर्भर हैं।

गोरखपुर से सटे 20 किलोमीटर की दूरी पर भटहट ब्लॉक क्षेत्र में 1 गांव जहां बारिश ना होने की वजह से अन्नदाता किसान परेशान हैं। वहीं ग्रामीणों का कहना है कि गांव में एक नहर है जो वर्षों से यहां स्थापित है पर विगत 5-6 सालों से इसमें पानी बिल्कुल ही नहीं आया। उनका कहना है कि सपा शासनकाल में मंत्री शिवपाल यादव ने इसकी सफाई कराई थी, पर न जाने क्यों उसके बाद से इसमें पानी आना ही बंद हो गया है।

किसान इस बात को लेकर बहुत परेशान हैं, उन्हें आशा है कि जल्द ही इस नहर में पानी आए और खेतों की सिंचाई हो सके। हालांकि ज्यादातर किसान ईश्वर की कृपा और इंद्रदेव की मेहरबानी पर ही निर्भर हैं और इंद्र देवता से ही आस लगाए बैठे हैं कि कब कृपा बरसेगी और उन्हें राहत मिलेगी।  किसानों का कहना है कि खेत सूख रहे हैं, दरारे पड़ रही हैं और वही जो धान की रोपाई हुई थी वह पीली पड़ती जा रही है।

 

 


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Content Writer

Ajay kumar

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