नहीं मिलेगी ऐसी मां! बाढ़ में गर्दन तक पानी में डूबकर 2 किलोमीटर चली महिला, 27 दिन की बीमार बेटी को गोद में लेकर दिखाई ममता की मिसाल
punjabkesari.in Saturday, Sep 20, 2025 - 02:05 PM (IST)

Farrukhabad News: उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद जिले से एक दिल छू लेने वाली खबर सामने आई है, जहां बाढ़ के बीच एक मां ने अपनी ममता का अनोखा उदाहरण दिया है। बदायूं जिले की पिंकी नाम की महिला ने सात घंटे इंतजार करने के बाद हिम्मत जुटाकर गर्दन तक पानी में डूबकर करीब दो किलोमीटर पैदल चलकर अपनी बीमार नवजात बेटी तक पहुंची।
पूरा मामला क्या है?
पिंकी बदायूं थाना उसैत क्षेत्र के महमूदपुर लिवान गांव की रहने वाली हैं। तीन दिन पहले उन्होंने अपनी 27 दिन की बेटी को अपनी ननद मंजू को गोद दे दिया था। मंजू का 12 साल का बेटा है, लेकिन दूसरी संतान न होने की वजह से उन्होंने भाभी पिंकी से बच्ची को गोद लिया था। कुछ दिन बाद बच्ची की तबियत अचानक खराब हो गई। मंजू खुद भी बीमार थी, इसलिए बच्ची को पिंकी के पास भेजने की कोशिश की गई।
सात घंटे का इंतजार
पिंकी सुबह छह बजे फर्रुखाबाद के राईपुर चिंघटपुर के पास टूटी पुलिया पर पहुंच गईं और बच्ची का इंतजार करने लगीं। लेकिन बाढ़ के कारण नाव का इंतजाम नहीं था और रास्ता टूट चुका था, इसलिए बच्ची समय पर नहीं पहुंच पाई। सात घंटे इंतजार करने के बाद जब उनकी हिम्मत जवाब देने लगी तो उन्होंने खुद पानी में उतरने का फैसला किया।
बहादुरी से पार किया बाढ़ का पानी
करीब दोपहर एक बजे पिंकी ने गहरे पानी में कदम रखा। उनका पानी गर्दन तक था। वह खेतों और टूटी सड़कों से होकर लगभग दो किलोमीटर की दूरी पैदल तय करके अपनी बेटी तक पहुंची।
ममता की जीत
जब पिंकी अपनी बच्ची तक पहुंचीं, तो उन्होंने उसे गले लगा लिया। इस पल की खुशी और भावुकता उनके चेहरे पर साफ झलक रही थी। मां की ममता ने हर मुश्किल को मात दे दी।
प्रशासन पर सवाल
इस बीच, कंपिल-बदायूं मार्ग पर पिछले 40 दिनों से तीन जगह सड़क कट चुकी है और आवागमन ठप पड़ा हुआ है। लोग नाव के सहारे ही टूटी पुलिया पार कर रहे थे, लेकिन पानी कम होने के बाद प्रशासन ने नावें वापस बुला ली थीं, जिससे पिंकी को मजबूरन पैदल पानी पार करना पड़ा। यह घटना प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करती है।