उत्तरप्रदेश में पहली बार उपचारित लोगों का आंकड़ा सक्रिय संकमण के मामलों से ज्यादा

punjabkesari.in Tuesday, May 12, 2020 - 05:12 PM (IST)

लखनऊ : उत्तरप्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमण शुरू होने के बाद से रविवार को पहली बार ऐसी स्थिति आयी, जब उपचारित होकर घर गये लोगों का आंकड़ा सक्रिय संक्रमण के मामलों से अधिक रहा ।प्रमुख सचिव (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य) अमित मोहन प्रसाद ने यहां संवाददाताओं को बताया कि जब से कोरोना वायरस संक्रमण फैला है, कल शाम पहली बार ये स्थिति आयी कि उपचारित होकर छुट्टी पाने वाले लोगों की संख्या 1758 थी और सक्रिय संक्रमण के मामलों की संख्या 1735 रही ।उन्होंने कहा कि कल पहली बार ये स्थिति आयी जब सक्रिय संक्रमण से ज्यादा लोगों को उपचार के बाद छुट्टी मिली, जो अच्छा लक्षण है ।प्रसाद ने बताया कि कल कुल 4754 सैम्पल की जांच हुई । पूल टेस्ट में कल 289 पूल लगाये गये । इनमें से 32 पूल पाजिटव पाये गये । पूल में कुल 1445 सैम्पल की जांच की गयी ।

उन्होंने कहा कि आरोग्य सेतु ऐप का हम लगातार उपयोग कर रहे हैं । देश में बड़ी संख्या में लगातार लोग उसे डाउनलोड कर रहे हैं । उसका लाभ भी देखने को मिल रहा है । उससे जितने अलर्ट मिल रहे हैं, जनपदों को उपलब्ध कराये जा रहे हैं ताकि जनपदों में लोगों से संपर्क कर उनका हालचाल पूछा जा सके ।प्रमुख सचिव ने बताया कि इसके अलावा लखनऊ मुख्यालय स्थित नियंत्रण कक्ष से भी लगातार लोगों को फोन किया जा रहा है । अब तक 2722 लोगों को फोन किया गया । उनमें से दस लोग पाजिटिव निकले, जिनका अस्पताल में इलाज चल रहा है ।उन्होंने बताया कि सर्विलांस की टीम हॉटस्पाट एवं नान हॉटस्पाट क्षेत्रों में लगातार सर्वेक्षण कर लोगों से संपर्क कर रही है । अगर किसी में किसी तरह का लक्षण है तो उनके परीक्षण की खातिर सूचना मुख्य चिकित्सा अधिकारी को दी जा रही है ।

प्रसाद ने कहा कि प्रवासी कामगार हर रोज अलग-अलग राज्यों से लौट रहे हैं । क्वारंटाइन में रखे गये श्रमिकों एवं कामगारों को लेकर कई जिलों से संक्रमण की सूचना प्राप्त हो रही है ।उन्होंने कहा कि बहुत जरूरी है कि 21 दिन के पृथक-वास का कड़ाई से पालन कराया जाए, इसलिए सर्विलांस टीम की महत्वपूर्ण भूमिका है । गांव में ग्राम प्रधान की अध्यक्षता वाली ग्राम निगरानी समिति और शहर में सभासद की अध्यक्षता वाली मोहल्ला निगरानी समिति के लोगों से अनुरोध है कि वे निरंतर इस बात का ध्यान रखें कि जो लोग गृह पृथक-वास में रखे गये हैं, वे घरों के अंदर ही रहें ।प्रसाद ने कहा कि वे अगर 21 दिन घर पर रहते हैं और बाहर नहीं निकलते तो किसी तरह का संक्रमण नहीं फैलेगा ।उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण की जांच और उपचार की सरकार ने नि:शुल्क व्यवस्था की है । अगर लक्षण हैं तो हीन भावना की जरूरत नहीं है, सामने आयें क्योंकि यह संक्रामक बीमारी है जो किसी को भी हो सकती है ।


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Ajay kumar

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