हाईकोर्ट ने दूसरी पत्नी की अपील किया खारिज, कहा- दूसरी शादी को अमान्य घोषित कर सकती है पहली पत्नी
punjabkesari.in Tuesday, Aug 01, 2023 - 03:32 PM (IST)

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हिंदू विवाह अधिनियम, 1955 की धारा 11 के तहत पति की दूसरी शादी को शून्य घोषित करने के लिए पहली पत्नी के अधिकार को बरकरार रखा है। उक्त आदेश न्यायमूर्ति सौमित्र दयाल सिंह और न्यायमूर्ति विनोद दिवाकर की खंडपीठ ने गरिमा सिंह की याचिका पर सुनवाई करते हुए पारित किया।
हिंदू विवाह अधिनियम एक सामाजिक-कल्याणकारी कानून
न्यायालय ने माना कि हिंदू विवाह अधिनियम एक सामाजिक-कल्याणकारी कानून है, जिसका उद्देश्य पहली पत्नी के अधिकारों की रक्षा करना है। मौजूदा मामले में दूसरी पत्नी ने यह दावा करते हुए हाईकोर्ट का रुख किया कि पहली पत्नी हिंदू विवाह अधिनियम, 1955 की धारा 11 के तहत दूसरी पत्नी और उसके पति (मृतक) के खिलाफ मामला दर्ज नहीं कर सकती। अतः अदालत के समक्ष यह प्रश्न था कि क्या पहली पत्नी पति के दूसरे विवाह को अमान्य घोषित करने के लिए अधिनियम की धारा 11 और 17 के तहत मामला दर्ज कर सकती है?
हिंदू विवाह अधिनियम का उद्देश्य बहुविवाह की प्रथा को खत्म करना
सभी तथ्यों पर विचार करने के बाद इसी न्यायालय के एक मामले का हवाला देते हुए कोर्ट ने कहा कि पहली पत्नी के पास हमेशा पति की दूसरी शादी को अमान्य घोषित करने के लिए मुकदमा दाखिल करने का उपाय होता है। हिंदू विवाह अधिनियम का उद्देश्य बहुविवाह की प्रथा को खत्म करना था। अदालत ने दूसरी पत्नी की अपील को खारिज कर दिया।