Madhumita Murder Case: 'भगवान का शुक्र है कि घरवालों से मिला दिया', रिहाई के बाद भावुक हुए पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी

punjabkesari.in Saturday, Aug 26, 2023 - 01:33 PM (IST)

Lucknow/Gorakhpur: कवयित्री मधुमिता शुक्ला हत्याकांड में उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी मधुमणि जेल से रिहा हो गए है। रिहाई के बाद अमरमणि त्रिपाठी भावुक हो गए। उन्होंने भगवान का शुक्रिया अदा करते हुए कहा कि वर्षों बाद ही सही, प्रभु ने घरवालों से मिला दिया, अब क्या कहूं मैं।

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'भगवान का शुक्र है कि उन्होंने खुशियां लौटा दीं...'
अमरमणि त्रिपाठी रिहाई के बाद कहा कि "अभी कुछ कह पाने की स्थिति में नहीं हूं। तबीयत साथ नहीं दे रही। वर्षों बाद ही सही, प्रभु ने घरवालों से मिला दिया, अब क्या कहूं मैं। लंबे समय बाद अपनों को इस तरह से करीब देख रहा हूं। अचानक से सभी का पूरा जीवन बदल गया। भगवान का शुक्र है कि उन्होंने खुशियां लौटा दीं। धीरे-धीरे जिंदगी को सामान्य करने की कोशिश करूंगा। हालांकि ये इतना भी आसान नहीं है"। अमरमणि त्रिपाठी के रिहा होने के बाद उनके शुभचिंतक और रिश्तेदार उनके बेटे अमनमणि त्रिपाठी बधाई देने की लग गए।

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जानें क्या है मधुमिता शुक्ला हत्याकांड?
बता दें कि कवयित्री मधुमिता की नौ मई 2003 को पेपर मिल कॉलोनी, लखनऊ में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी, घटना के वक्त वह गर्भवती थीं। अमरमणि त्रिपाठी को सितंबर 2003 में कवयित्री की हत्या के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया था जिनके साथ वह कथित तौर पर रिश्ते में थे। इस मामले की जांच केन्‍द्रीय अन्‍वेषण ब्‍यूरो (सीबीआई) को दी गयी थी। देहरादून की एक अदालत ने अक्टूबर 2007 में मधुमिता की हत्या के लिए अमरमणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी मधुमणि त्रिपाठी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी, बाद में नैनीताल उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय ने दंपति की सजा को बरकरार रखा था। निधि शुक्ला ने कहा, ‘‘मैंने आरटीआई (सूचना का अधिकार) के माध्यम से दस्तावेज हासिल किए हैं, जिनमें स्पष्ट रूप से कहा गया है कि दोनों ने जेल की सजा का 62 फीसदी हिस्सा जेल से बाहर बिताया है। मैंने सभी जिम्मेदार व्यक्तियों को दस्तावेज सौंप दिए हैं और बताया कि 2012 से 2023 के बीच वे जेल में नहीं थे।

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लंबी लड़ाई के बाद राज्य सूचना आयोग के माध्यम से मुझे जो सरकारी दस्तावेज मिले हैं, वे इस बात की पुष्टि करते हैं।'' शुक्‍ला ने कहा कि समय से पहले रिहाई पाने के लिए त्रिपाठी दंपति ने अधिकारियों को गुमराह किया है और इसी आधार पर हमने दंपति की रिहाई के खिलाफ शीर्ष अदालत का रुख किया है। अमरमणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी भी स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों के चलते इस समय बीआरडी मेडिकल कॉलेज गोरखपुर में हैं। महराजगंज जिले की लक्ष्‍मीपुर (अब नौतनवा) विधानसभा क्षेत्र से निर्वाचित अमरमणि त्रिपाठी 2001 में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली सरकार में मंत्री रह चुके हैं। मुलायम सिंह यादव के नेतृत्व वाली सरकार के दौरान वह समाजवादी पार्टी (सपा) में थे और फिर वह बहुजन समाज पार्टी (बसपा) में चले गये।


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Content Editor

Harman Kaur

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