जौनपुर कोर्ट में हाजिर हुए पूर्व सांसद धनंजय सिंह: MP-MLA कोर्ट ने जारी किया था वारंट, 7 साल पुराने मामले में हुई पेशी
punjabkesari.in Friday, Nov 22, 2024 - 12:37 AM (IST)
Jaunpur News: उत्तर प्रदेश के जौनपुर के पूर्व सांसद धनन्जय सिंह और एमएलसी बृजेश सिंह प्रिंशू सात वर्ष पुराने मामले में गुरुवार को एमपी एमएलए कोर्ट में पेश हुए। उनके खिलाफ कोर्ट ने जमानती वारंट जारी किया था, कोर्ट ने बीस-बीस हजार रुपये के व्यक्तिगत बंधपत्र पर वारंट रिकॉल किया।
पुलिसकर्मियों पर जानलेवा हमला, तोड़फोड़और आगजनी का आरोप
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार जौनपुर के निवासी और प्रतापगढ़ के पूर्व सांसद कुंवर हरिवंश सिंह ने पूर्व मंत्री शैलेंद्र यादव ललई, पूर्व सांसद धनंजय सिंह, एमएलसी बृजेश सिंह प्रिंसू समेत 35 लोगों के खिलाफ 6 नवंबर 2017 को एफ आई आर दर्ज कराया था कि ब्लाक प्रमुख सरजू देवी यादव के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर प्रशासन द्वारा 6 नवंबर 2017 को 11:00 बजे खुटहन ब्लाक के परिसर में प्रस्ताव पर परिचर्चा होना था। इसी दौरान पुलिसकर्मियों पर जानलेवा हमला, तोड़फोड़और आगजनी का आरोप है। दोनों कोर्ट में हाजिर हुए और प्रार्थना पत्र दिया कि उन्होंने जानबूझकर कोई गलती नहीं की है। न्यायालय के समक्ष हाजिर हैं। वारंट रिकॉल करने के प्रार्थना पत्र पर सिविल जज एमपी / एमएलए कोर्ट अनुज कुमार जौहर ने बीस हजार रुपये के व्यक्तिगत बंधपत्र पर आरोपितों का वारंट निरस्त किया। अगली सुनवाई के लिए 27 नवंबर तिथि नियत की गई।
पुलिस के कैमरे व हेलमेट छीनने का आरोप
गौरतलब है कि तत्कालीन थानाध्यक्ष राम मूर्ति यादव ने खुटहन थाने में शैलेंद्र यादव उर्फ ललई, धनंजय सिंह, बृजेश सिंह प्रिंसू के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराया था। आरोप था कि छह नवंबर 2017 को खुटहन क्षेत्र पंचायत प्रमुख सरजू देवी के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव पर बीडीसी सदस्यों का मतदान होना था। 10:30 बजे पथराव की सूचना पर पुलिस दौड़कर पहुंची तो बीडीसी सदस्यों पर आरोपी पथराव कर रहे थे। पुलिस बल के पहुंचते ही आरोपी पुलिस पार्टी पर जानलेवा हमला व फायरिंग किए। पुलिस के कैमरे व हेलमेट छीन लिए। कृष्ण कुमार मिश्रा को लहूलुहान कर दिए। भागते समय आरोपियों ने कई गाड़ियों को क्षतिग्रस्त कर दिया मतदान संपन्न नहीं हो पाया। कोर्ट में चार्जशीट दाखिल होने के बाद मामला विचाराधीन है। आरोपित जमानत पर थे। 22 अक्टूबर 2024 को कोर्ट ने सभी आरोपियों को उपस्थित होने का आदेश दिया था, लेकिन नियत तिथि 6 नवंबर 2024 को कोई आरोपी उपस्थित नहीं हुआ। अधिवक्ता ने हाजिरी माफी का प्रार्थना पत्र दिया। कोर्ट ने सभी आरोपियों का प्रार्थना पत्र निरस्त कर वारंट जारी किया था।