गाजियाबाद : 11 साल की खुशी के मर्डर का खुलासा, 30 लाख रुपए की फिरौती के लिए पड़ोसी ने किया था किडनैप

punjabkesari.in Wednesday, Nov 23, 2022 - 06:08 PM (IST)

गाजियाबाद (संजय मित्तल): जिले में 3 दिन पहले हुई 11 साल की खुशी की किडनैपिंग के बाद हत्या के मामले में पुलिस ने घटना का पर्दाफाश कर दिया है। गाजियाबाद के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मुनिराज जी ने बुधवार को मामले का खुलासा करते हुए बताया कि पैसे के लालच पड़ोस में रहने वाले युवक ने अपने दो दोस्तों के साथ मिलकर खुशी का अपहरण कर 30 लाख की फिरौती मांगी थी। जो न मिलने पर उसने खुशी को मार कर उसके शव बुलंदशहर के देहात कोतवाली क्षेत्र के गांव सराय छबील के जंगल में फेंक दिया।

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पिता के डेथ पॉलिसी के पैसे मिलने वाले थे खुशी को
हरियाणा के सोनीपत जिले के गांव टोकी मनोली के रहने वाले मोनू सिंह की शादी साल 2009 में गाजियाबाद के नंदग्राम इलाके की नई बस्ती निवासी ममता से हुई। ममता के दो बच्चे हैं खुशी और विवेक। जून 2015 में मोनू सिंह की एक सड़क हादसे में मौत हो गई। इसके बाद परिजनों ने ममता की शादी उसके देवर सोनू से कर दी सोनू के पास कई क्रेन हैं। कारोबार की वजह से वो सोनीपत के टोकी मनोली गांव में ही पत्नी ममता संग रहता है। जबकि बड़ी बेटी खुशी गाजियाबाद में नाना-नानी के पास रहती थी। मोनू सिंह की डेथ पॉलिसी के रूप में बीमा कंपनी से 26 लाख रुपए मिलने थे। सोनू और ममता ने तय किया था वो ये रकम खुशी के नाना-नानी को ही दे देंगे, ताकि वो बेटी की ठीक से परवरिश कर सकें। इधर, नाना-नानी ने तय कर लिया था कि रकम मिलते ही वो एक प्लॉट खुशी के नाम पर खरीद लेंगे। इसके लिए उन्होंने नजदीक में एक जमीन भी देख ली थी।

पैसे के लालच में दोस्तों के साथ की प्लानिंग
पड़ोस में रहने वाले बबलू को ये बात पता था कि खुशी को उसके पिता के डेथ क्लेम के 26 लाख रुपए मिलने वाले है। जिसके बाद बबलू को लगता था कि अगर वो खुशी का किडनैप कर लेगा तो उसको अच्छी-खासी फिरौती मिल सकती है। पिछले कुछ दिनों से पड़ोसी बबलू इस वारदात को अंजाम देने की फिराक में था। जिसके बाद रविवार को जब खुशी घर में अकेले थी। तभी बबलू उसको मेला दिखाने के बहाने घर से ले गया। उसने नंदग्राम इलाके में शनिदेव मंदिर के पास अमित नाम के शख्स को खुशी सौंप दी। अमित, खुशी को बाइक से लेकर दादरी बाईपास पर पहुंचा। यहां गंभीर नामक शख्स स्कूटी लेकर पहले से खड़ा था। वो बच्ची को लेकर बुलंदशहर जिले में पहुंच गया। बताया गया कि गंभीर बुलंदशहर जिले में सराय छबीला गांव का रहने वाला है। बच्ची को गाजियाबाद से इतनी दूर इसलिए रखा गया था, ताकि उसके बारे में किसी को कानों कान खबर न हो।

पुलिस से बचने के लिए की खुशी की हत्या
इधर गाजियाबाद में बच्ची का किडनैप होना फिर फिरौती की कॉल आने के बारे में पुलिस को बताया गया। पुलिस ने सबसे पहले आस-पास के लोगों से ही पूछताछ शुरू की। बॉर्डर एरिया में नाकाबंदी भी करवा दी गई। इससे बबलू और गंभीर घबरा गए। उन्हें लगा कि पुलिस कभी भी उस बच्ची तक पहुंच सकती है। इस पर आरोपियों ने गमछे से गला दबाकर बच्ची की हत्या कर दी। लाश को गन्ने के खेत में फेंक दिया। ये लाश 22 नवंबर को पुलिस को वहीं के लोकल लोगों की निशानदेही पर मिली। लाश बरामदगी के बाद पुलिस ने खुशी के नाना-नानी के घर के पास रहने वालों से ही पड़ताल शुरू की। क्योंकि उन्हें शक था कि किडनैपिंग में कोई नजदीकी शामिल है। मोबाइल नंबर ट्रेसिंग की मदद से सबसे पहले बबलू फिर बाकी के किडनैपर पुलिस की गिरफ्त में आ गए । पुलिस ने तीनों अभियुक्तों को जेल भेज दिया है।


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Content Editor

Prashant Tiwari

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