कर्मचारियों को सरकार का बड़ा तोहफा, सात लाख तक आय वाले को Tax से किया मुक्त

punjabkesari.in Wednesday, Feb 01, 2023 - 01:51 PM (IST)

लखनऊ: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में  2023-24 के लिए बजट की घोषणा की। बजट में किसानों की सुविधा के लिए डिजिटल सार्वजनिक और इंफ्रास्ट्रक्टर प्लेटफॉर्म, कृषि स्टाटर्अप, पादप संरक्षण, कृषि सामग्री और परामर्श का ध्यान रखा गया है।

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सात लाख वार्षिक आय तक के कर्मचारियों को आयकर में छूट 
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आम बजट 2023-24 में वेतनभोगी कर्मचारियों को लुभावने वाले प्रावधान के तहत नयी कर व्यवस्था में सात लाख वार्षिक आय को आयकर से पूरी तरह मुक्त किया है। पुरानी व्यवस्था में तीन लाख की आय को कर मुक्त रखा गया है। सीतारमण ने बताया कि आयकर की स्लैब की संख्या को भी पांच कर दी गई है। इस घोषणा के तहत शून्य से तीन लाख की आय स्लैब पर कोई कर नहीं लगेगा, तीन से छह लाख तक कर की दर पांच प्रतिशत, छह से नौ लाख रुपए तक 10 प्रतिशत, नौ से 12 लाख रुपए तक 15 प्रतिशत और 12 से 15 लाख रुपए वार्षिक आय के स्लैब पर 20 प्रतिशत आयकर लगाया जाएगा।

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अग्निवीरों के लिए कोष को तिहरी छूट देने की घोषणा
वहीं इसके अलावा 15 लाख से ऊपर वार्षिक आय तीस प्रतिशत के कर के दायरे में आयेगी। वित्त मंत्री ने नयी कर व्यवस्था को आम कर दाताओं के लिए आकर्षक बनाने का प्रयास किया गया है ताकि पुरानी व्यवस्था को छोड़कर नयी व्यवस्था को अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया गया है। मोटी आय वाले कर दाताओं पर अधिकतम प्रभावी कर की दर 42.7 प्रतिशत से घटकर 39 प्रतिशत कर दी गयी है। श्रीमती सीतारमण ने दीर्घावधि कर की दरें नहीं बढ़ाई है जिससे शेयर बाजारों में उत्साह देखा गया और बंबई शेयर बाजार का सूचकांक कारोबार के दौरान करीब एक हजार अंक उछल गया था। अग्निवीरों के लिए कोष को तिहरी छूट देने की घोषणा की गयी है। अग्निवीर कोष में निवेश, निवेश पर आय और निवेश की निकासी के समय तीनों चरणों में कर छूट दी जाएगी।

कृषि स्टार्टअप को प्रोत्साहित
सीतारमण ने कहा कि यह प्लेटफॉर्म ओपन सोर्स पर आधारित होगा और समावेशी होगा। इस पर किसानों के लिए पादप संरक्षण, कृषि सामग्री और परामर्श आदि की सुविधाएं जुटाने में आसानी होगी। वित्त मंत्री कृषि स्टाटर्अप को प्रोत्साहित करने के लिए एक अलग विशेष कोर्स बनाने की घोषणा की। बजट में ई-अदालतों के गठन का तीसरे चरण शुरू करने के लिए 7,000 करोड़ रुपये का प्रावधान। बुनियादी ढांचा विकास के लिए बढ़ाया गया 10 लाख करोड़ का खर्च जीडीपी का 3.3 प्रतिशत किया गया। ठेकों से जुड़े विवादों के निपटान के लिये स्वैच्छिक समाधान योजना लायी जाएगी। राज्यों और शहरों को नगरीय योजना बनाने के लिए प्रेरित किया जाएगा। मोटे अनाजों को 'श्री अन्न' का नाम दिया जाएगा, भारत को वैश्विक केंद्र बनाने के लिए हैदराबाद स्थित उत्कृष्टता केंद्र काम करेगा। केंद्र राज्य सरकारों को एक और साल तक 50 साल के लिए ब्याज रहित ऋण देना जारी रखेगा। रेलवे में 2.40 लाख करोड़ रुपये के पूंजीगत व्यय का प्रावधान किया गया है।

 


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Content Writer

Ramkesh

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