अयोध्या में दिखी त्रेतायुग की झलक: पुष्पक विमान से उतरे सीता-राम, लक्ष्मण, राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने की अगवानी
punjabkesari.in Sunday, Oct 23, 2022 - 06:59 PM (IST)
अयोध्या: उत्तर प्रदेश के अयोध्या में रविवार को अपराह्न पुष्पक विमान से अवतार स्वरूप प्रतीकात्मक भगवान श्री राम, माता सीता और लक्ष्मण उतरे और हर्ष एवं उल्लास के इन क्षणों में उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य एवं ब्रजेश पाठक समेत कई मंत्रियों तथा प्रमुख लोगों ने उनकी अगवानी की। इसके बाद राम दरबार की आरती की गयी और भगवान का पूजन वंदन किया।
अयोध्या के "राम कथा पार्क में 'पुष्पक विमान' से 'अवतार स्वरूप' भगवान श्रीराम, माता सीता और भगवान लक्ष्मण के प्रतीकात्मक स्वरूप उतरे, जहां उनकी अगवानी के लिए उत्तर प्रदेश की सरकार खड़ी थी। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य एवं ब्रजेश पाठक समेत कई मंत्रियों व प्रमुख लोगों ने उनकी अगवानी की। अगवानी के बाद भगवान राम, माता सीता और लक्ष्मण पार्क से थोड़ी दूरी पर बनाये गये ''भरत मिलाप मंच'' पर पहुंचे जहां वह अपने प्रिय भ्राता भरत और शत्रुघ्न से मिले। गुरु वशिष्ठ भी इस मंच पर मौजूद थे।
हर कोई भगवान राम की झलक पाने के लिए आतुर दिखा
भरत मिलाप के इस भावुक कर देने वाले दृश्य ने वहां सबकी आंखें नम कर दी। इस बीच हेलीकाप्टर से मंच पर भगवान राम और उनके साथ आए लोगों पर पुष्प वर्षा होती रही। अयोध्या राम मय हो गयी। मर्यादा पुरुषोत्तम के आगमन की शुभ सूचना से पूरी अयोध्या में हर्ष और उल्लास का माहौल बन गया। भरत मिलाप के बाद भगवान श्री राम, माता सीता और लक्ष्मण, गुरु वशिष्ठ के साथ रथ पर सवार होकर राम कथा पार्क में बनाये गये एक विशाल मंच पर पहुंचे। इस दौरान आकाश से पुष्प वर्षा का क्रम जारी रहा। इस बीच हर कोई भगवान राम की झलक पाने के लिए आतुर दिखा। राम कथा पार्क में बने मंच पर ले जाने के लिए भगवान के रथ को लेकर राज्यपाल, मुख्यमंत्री और दोनों उप मुख्यमंत्री समेत अनेक प्रमुख लोग चल रहे थे। सभी के सिर पर केसरिया साफा बंधा था।
राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने राम दरबार की आरती की
मंच पर भगवान श्री राम, माता सीता, भरत लक्ष्मण और शत्रुघ्न समेत गुरु वशिष्ठ ने अपना आसन ग्रहण किया और पूरा वातावरण जयश्रीराम के नारों से गुंजायमान हो गया। मंच पर राम दरबार का दश्य उपस्थित था। हनुमान जी भगवान राम के चरणों में बैठे। राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने राम दरबार की आरती की और भगवान का पूजन वंदन किया। सबसे पहले आनंदीबेन पटेल ने भगवान की आरती उतारी और इसके बाद मुख्यमंत्री योगी ने आरती उतारी और तिलक, पूजन वंदन किया। केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक तथा जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने भी पूजन वंदन किया और भगवान का अभिनंदन किया। इससे पहले योगी आदित्यनाथ ने संतों का भी स्वागत किया और उनसे व्यक्तिगत तौर पर मिलकर कुशलक्षेम पूछी।
भगवान के राम के आगमन से अयोध्या में हर्ष और उल्लास का माहौल
रामायण के अनुसार त्रेता युग में लंकापति रावण भगवान राम की पत्नी सीता का अपहरण करता है और उन्हें अपने लंका राज्य में ले जाता है, जहां वह उनको अशोक वाटिका में कैद में रखता है। बाद में भगवान राम, 'वानर' राज सुग्रीव और उनकी 'वानर' सेना के समर्थन से लंका पर हमला करते हैं और युद्ध जीत कर माता सीता को वापस लेकर आते हैं। 14 वर्षों तक वन में रहने और लंकापति रावण और राक्षसी सेना का वध करने के बाद भगवान के राम के आगमन से अयोध्या में हर्ष और उल्लास का माहौल था। वर्ष 2017 में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनने के बाद पहली बार अयोध्या में भव्य दीपोत्सव की शुरुआत हुई थी और यह छठा मौका है जब वहां दीपोत्सव समारोह का आयोजन किया जा रहा है।
18 लाख मिट्टी के दीपक से राममय होगी अयोध्या
पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस कार्यक्रम में व्यक्तिगत रूप से शिरकत कर रहे हैं। भगवान राम की जन्मस्थली अयोध्या में दीपावली समारोह के हिस्से के रूप में रविवार को यहां भव्य दीपोत्सव मनाया जायेगा जिस दौरान कुल करीब 18 लाख मिट्टी के दीपक जलाए जाएंगे। समारोह के दौरान आतिशबाजी, एक लेजर शो तथा रामलीला का मंचन भी किया जायेगा। अयोध्या संभाग के मंडलायुक्त नवदीप रिनवा ने बताया कि 'राम की पैड़ी में 22,000 से अधिक स्वयंसेवकों द्वारा 15 लाख से अधिक दिये जलाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि शेष दिये अन्य स्थानों पर जलाए जाने की उम्मीद है।