गोंडाः बाढ़ पीड़ितों की राहत सामाग्री में भ्रष्टाचार, किसी में तेल नहीं तो किसी में गुड़

punjabkesari.in Thursday, Oct 13, 2022 - 07:39 PM (IST)

गोंडाः देवीपाटन मंडल में चारों जनपद बाढ़ से प्रभावित हैं। जिसमें गोंडा के तीन तहसीलों में बाढ़ कि त्रासदी की मार डेढ़ लाख से अधिक लोग झेल रहे हैं। शासन द्वारा सख्त निर्देश है कि बाढ़ पीड़ितों को शुद्ध पेयजल व राहत सामग्री उपलब्ध कराते हुए उन्हें सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जाए।

 जिलाधिकारी डॉ. उज्जवल कुमार के अनुसार बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में 228 नाव का प्रबंध कर लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया जा रहा है और उन्हें राहत सामग्री उपलब्ध कराया जा रहा है। लेकिन जमीनी हकीकत इससे इतर है। जी हां हम बात कर रहे हैं राहत सामग्री की जो सरकार के मानक के अनुरूप बाढ़ पीड़ितों को नहीं उपलब्ध कराए जा रहे हैं। जमीनी हकीकत देखकर गोंडा के मशहूर कवि स्वर्गीय अदम गोंडवी की दो लाइनें याद आती हैं...जो डलहौजी न कर पाया वो हुक्काम कर देंगे, कमीशन दो तो हिंदुस्तान को नीलाम कर देंगे।

PunjabKesari

आपदा में अवसर तलाश कर कमीशन खोरों ने भूख से परेशान बाढ़ पीड़ितों के राहत सामग्री में ही डाका डाल रहे हैं। मामला रुपईडीह ब्लॉक के अनंतपुर गांव के प्राथमिक विद्यालय मनोहर जोत का है। जहां लेखपाल आत्माराम वर्मा व अन्य कर्मचारी बाढ़ पीड़ितों को राहत सामग्री वितरित कर रहे थे। हमारी नजर राहत सामग्री  किट पर लगे मोदी-योगी के तस्वीर और उसी पर बगल में निर्धारित मानक पर पड़ी तो उत्सुकता वश राहत सामग्री किट में सामग्रियों को देखना चाहा। लेखपाल के सामने बाढ़ पीड़ितों से किट खुलवाया गया तो आंखें चकाचौंध रह गईं। क्योंकि इस त्रासदी में कमीशन खोरों ने बाढ़ पीड़ितों के राहत सामग्री में ही डाका डाल लिया था। किसी किट में चना और गुड़ नहीं तो किसी में नमक और रिफाइंड नहीं। नहाने के साबुन तो किसी में मिले ही नहीं।

राहत सामग्री किट में क्या है हमें नहीं पताः लेखपाल 
राहत किट वितरित कर रहे लेखपाल आत्माराम वर्मा से बात की गई तो उन्होंने कहा कि यह राहत सामग्री किट पैक होकर आता है और उसे मेरे द्वारा पीड़ितों को वितरित कर दिया जाता है। अब इसके अंदर क्या है और कितना है मुझे जानकारी नहीं होती।

बाढ़ पीड़ितों में रोष
वहीं जब बाढ़ पीड़ितों को भी इसकी जानकारी हुई तो उनमें भी रोष देखने को मिला। ग्रामीण  ननके, मिश्रीलाल, पवन प्रकाश ने बताया कि मिल रही राहत सामाग्री में कुछ न कुछ कम है। नहाने का साबुन तो किसी में भी नहीं है जबकि पैकट में साफ लिखा है।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Ajay kumar

Recommended News

Related News

static