रामपुर पहुंची राज्यपाल आनंदीबेन ने की ‘रज़ा लाइब्रेरी’ की प्रशंसा

punjabkesari.in Tuesday, Feb 18, 2020 - 11:52 AM (IST)

रामपुर: उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल अपने तय कार्यक्रम के मुताबिक मंगलवार रामपुर पहुंची। यहां उन्होंने ‘रजा लाइब्रेरी’ में एक वार्षिकोत्सव कार्यक्रम में भाग लिया। इस कार्यक्रम का मेन उद्देश्य नवाब फैजुल्लाह खान, नवाब रजा अली खान एवं मुंशी नवल किशोर अवार्ड पुरस्कार वितरण करना था। यहां राज्यपाल ने विजेताओं को पुरस्कार देकर सम्मानित किया। इस दौरान रजा लाइब्रेरी के रंग महल का हॉल खचाखच भरा हुआ था।
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बता दें कि रामपुर पहुंची राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने रजा लाइब्रेरी के रंग महल में अपनी स्पीच के दौरान कहा मैंने इतने बड़े ज्ञान का सागर पहली बार देखा है। स्कूल, राज्य सरकार, राष्ट्रपति भवन में भी लाइब्रेरी होती है और अनेक स्थानों पर लाइब्रेरी होती है। लेकिन इससे बड़ा भव्य बिल्डिंग सभागार कहीं नहीं है। इतनी पुस्तकें यहां पर हैं सालों से लाइब्रेरी के सभी सदस्य और निर्देशक इसमें कुछ ना कुछ नया करते रहते हैं।
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राज्यपाल ने कहा कि पीएचडी के स्टूडेंट्स भी यहां आकर अपना-अपना काम करते रहते हैं यह देखने के बाद मेरे मन में एक विचार आया है कि यह भव्य ज्ञान पूरे देश में जाना चाहिए। मुझे कई एक चित्र दिखाए मैंने पहली बार ऐसे चित्र देखें, पेंटिंग के पत्र होते हैं लेकिन एक पेड़ के पत्ते पर किस तरह पेंटिंग किए गए हैं जिसने भी इसे किया होगा उसके पास कितनी बड़ी कला रही होगी।
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उन्होंने कहा कि अकबर बादशाह हो या शाहजहां हो उन्हीं के समय के अद्भुत रचना की गई थी। कभी-कभी हमारे लिए यह अद्भुत रचनाओं को सीमित कर देते हैं। जैसे कि मैने देखा है कि राजभवन लखनऊ में 7 महीने से रहती हूँ लेकिन राजभवन किसी को दिखाते नहीं। राजभवन कैसा है किसने बनाया है क्यों बनाया है इसमें क्या-क्या पुराने जमाने की चीजें हैं मुझसे पूछा जाता है क्यों ऐसा करते हैं?
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पटेल ने कहा कि मैं सब से कहती हूं कि राजभवन सबके लिए ओपन कर दें ताकि सब लोग देख सकें। पूरे राजभवन में घूमिए यह आपका भी है, बच्चे आते हैं, बुजुर्ग आते हैं, बैठते हैं सोचते हैं पढ़ते हैं। ये दुनिया की सबसे बड़ी लाइब्रेरी है जो देश की 130 करोड़ जनता के लिए गौरव की बात है।
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उन्होंने कहा कि इसी वजह से मैंने पूरे यूपी में धीरे-धीरे करके सभी डिस्ट्रिक्ट में पढ़ने का जैसे कि रामपुर ऐसा कार्यक्रम शुरू करवा दिया है। लखनऊ में सबसे पहले एक कार्यक्रम की ऐसी शुरुआत करवाई जिसमें पांचवी, छठी कक्षा से लेकर कॉलेज के स्टूडेंट, मेडिकल स्टूडेंट तक 9 लाख 45 हजार बच्चों ने एक साथ 45 मिनट पढ़ने का काम किया था।
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गोरखपुर हो काशी हो सब जगह महीने में एक बार 45 मिनट बच्चे बैठ कर पढ़ रहे हैं और इसकी वजह से परिवार में भी एक इच्छा हुई कि मेरा बच्चा पड़ रहा है तो उसको एक पुस्तक ले कर दे दूं। जिससे स्कूल में जब वो जाए तो पढ़ सके।

 


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Ajay kumar

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