शामली: ARTO की रेकी करने के लिए गाड़ी में लगाया गया GPS...पूरा मामला CCTV में कैद, ARTO ने पुलिस से की शिकायत
punjabkesari.in Wednesday, Aug 02, 2023 - 02:38 PM (IST)

शामली ( पंकज मलिक ): उत्तर प्रदेश के जनपद शामली में एक सरकारी अधिकारी की लोकेशन ट्रेस करने को लेकर उसकी गाड़ी में जीपीएस लगाने का मामला सामने आया है जहां पर एआरटीओ और रोहित सिंह राजपूत की लोकेशन जानने के लिए माफियाओं द्वारा उनकी गाड़ी में जीपीएस लगाया जा रहा है। जीपीएस लगाने की यह पूरी वारदात पास में लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई अब मामला सामने आने के बाद एआरटीओ रोहित राजपूत ने पूरे मामले की शिकायत पुलिस से की है।
दरअसल आपको बता दें कि पूरा मामला शामली की सदर कोतवाली क्षेत्र के मोहल्ला दयानन्दनगर का है जहां पर एआरटीओ रोहित सिंह राजपूत के गाड़ी खड़ी होती है जहां पर बीती रात उनकी गाडी मे जीपीएस लगाने का मामला सामने आया है जिसका एक वीडियो भी सामने आया है।रोहित सिंह राजपूत की गाड़ी जहां पर खड़ी है वहां पर एक स्विफ्ट गाड़ी आती है जिसकी अगली खिड़की से उतरकर एक व्यक्ति रोहित राजपूत की गाड़ी के पास जाता है और नीचे वह कुछ लगाता हुआ दिखाई देता है और फिर वह वापस गाड़ी में बैठकर निकल जाता है। आरटीओ की गाड़ी पर यह डिवाइस लगाने का पूरा मामला वहां पर लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गया। जब पता चला कि कोई व्यक्ति गाड़ी के नीचे कुछ लगाता हुआ दिखाई दे रहा है तो उसके बाद एआरटीओ द्वारा गाड़ी को चेक कराया गया तो पता चला कि गाड़ी के नीचे एक जीपीएस डिवाइस लगा गया था ताकि एआरटीओ रोहित राजपूत की रेकी की जा सके और उनका पता लगाया जा सके कि आखिर आरटीओ साहब किस समय कहां जा रहे हैं इस सब की लोकेशन पता चल सके। फिलहाल एआरटीओ रोहित सिंह राजपूत ने पूरे मामले की शिकायत पुलिस से की है और जो डिवाइस उनकी गाड़ी में जीपीएस की लगाई गई थी वह भी एआरटीओ द्वारा पुलिस को सौंप दी गई है।
यह कोई पहला मामला नहीं है कि किसी अधिकारी की माफियाओं द्वारा लोकेशन ट्रेस करने की कोशिश की गई हो इससे पहले भी खनन अधिकारी की लोकेशन ट्रेस करने के लिए माफियाओं द्वारा एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाया गया था जिस पर खनन अधिकारी की पल-पल की लोकेशन की जानकारी डाली जाती थी। मामला संज्ञान में आने के बाद खनन अधिकारी ने झिंझाना थाने पर इसके प्रति मुकदमा भी पंजीकृत कराया था। ऐसे अब बड़ा सवाल यह है कि यह डिवाइस गाड़ी में आखिर किसने लगवाई। वैसे अंदाजा लगाया जा रहा है कि यह डिवाइस माफियाओं द्वारा एआरटीओ साहब की गाड़ी में लगाई गई है।