Deported Indians: 22 लाख देकर फंसा गुरप्रीत: अमेरिकी सैनिकों की कैद में बिताए 26 दिन, पढ़िए उसकी चौंकाने वाली कहानी
punjabkesari.in Friday, Feb 07, 2025 - 10:34 AM (IST)
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Pilibhit News: उत्तर प्रदेश में पीलीभीत के गुरप्रीत सिंह, जो बिना वीजा अमेरिका पहुंचने के प्रयास में फंसे थे, ने 22 दिन तक अमेरिकी सैनिकों की कैद में रहकर कई चौंकाने वाली बातें बताईं। गुरप्रीत को एक भारतीय एजेंट ने 22 लाख रुपए लेकर अमेरिका पहुंचाने का वादा किया था, लेकिन वह एजेंट गुरप्रीत को एक देश से दूसरे देश भटकाता रहा। आखिरकार, गुरप्रीत को मेक्सिको ले जाकर अवैध तरीके से अमेरिकी सीमा पार कराई गई, जहां अमेरिकी सैनिकों ने उन्हें पकड़ लिया।
कैसे फंसे गुरप्रीत?
गुरप्रीत ने बताया कि 18 दिसंबर 2024 को एक एजेंट के कहने पर वह लंदन से स्पेन गए, फिर वहां से साउथ अफ्रीका होते हुए 13 जनवरी 2025 की रात को उन्हें मेक्सिको बार्डर तक पहुंचाया गया। जैसे ही वह अमेरिकी सीमा में घुसे, अमेरिकी सैनिकों ने उन्हें पकड़ लिया और कैद कर लिया। गुरप्रीत ने कहा कि कैद के दौरान उन्हें खाने-पीने की कोई समस्या नहीं हुई और वे सुरक्षित रहे। हालांकि, अमेरिकी सैनिकों ने उन्हें हथकड़ी और बेड़ियां डालकर विमान में भेजा, ताकि हंगामा न हो।
कैद के दौरान क्या हुआ?
गुरप्रीत ने बताया कि उन्हें अमेरिकी सैनिकों द्वारा सैंडविच और जूस दिए जाते थे। शौचालय जाने के दौरान हथकड़ी खोल दी जाती थी। अन्य देशों जैसे कंबोडिया और चीन के नागरिकों को भी वापस भेजा गया था, लेकिन उनके देशों ने उन्हें स्वीकार करने से मना कर दिया था, जिससे वे फिर से अमेरिका में फंस गए थे। गुरप्रीत ने बताया कि अमेरिकी सैनिकों ने उनके साथ कोई दुर्व्यवहार नहीं किया और न ही कोई यातना दी।
भारत सरकार का आभार
गुरप्रीत ने बताया कि भारतीय सरकार ने उन्हें पूरी मदद दी और उनका समर्थन किया। उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने उनके जैसे नागरिकों का साथ दिया, जो बेहद सराहनीय है। गुरप्रीत ने यह भी कहा कि वह अमेरिका अवैध तरीके से नहीं गए थे, बल्कि उनके वीजा की स्थिति खत्म हो जाने के बाद उन्हें इंग्लैंड से निकाल दिया गया था। इसके बाद उन्होंने अमेरिकी सीमा पार करने की योजना बनाई थी।
एजेंट ने दिया धोखा
गुरप्रीत ने यह भी बताया कि एजेंट ने 40 लाख रुपए लेकर उन्हें अमेरिका की सीमा पार करवाई। उन्होंने बताया कि एजेंट ने उन्हें कैलिफोर्निया भेजने का वादा किया था और वर्क परमिट दिलवाने का भरोसा भी दिया था। गुरप्रीत ने बताया कि 23 दिसंबर को वह टूरिस्ट वीजा पर अल सल्वाडोर पहुंचे थे, जहां माफिया ने उन्हें बंदी बना लिया और गन प्वॉइंट पर रखा। इसके बाद वह ग्वाटेमाला और मेक्सिको में भटकते रहे। 12 जनवरी को तिजुआना में पहुंचे, जहां एजेंट ने 40 लाख रुपए की मांग की। इस रकम को हरियाणा में उनके रिश्तेदारों और परिचितों से उधार लिया गया था।
सुरक्षित वापसी पर धन्यवाद
गुरप्रीत ने कहा कि वह भारतीय सरकार के प्रति आभारी हैं कि वह सुरक्षित रूप से वापस लौटे। उन्होंने कहा कि उनकी यह यात्रा जीवनभर याद रहेगी और वह अब पूरी तरह से अपने घर लौट आए हैं। गुरप्रीत का यह अनुभव उन लाखों भारतीयों के लिए चेतावनी है, जो अवैध तरीके से विदेश जाने की सोचते हैं।