YOGI के राज में आधी आबादी हुई ''शक्तिशाली'', साढ़े 5 वर्ष में महिलाओं और बेटियों की सुरक्षा में हुआ बड़ा सुधार

punjabkesari.in Sunday, Jan 08, 2023 - 05:10 PM (IST)

Lucknow News (अश्वनी कुमार सिंह): उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की माताओं-बहनों के जीवन को सुगम बनाने के लिए योगी (Yogi) सरकार ने बीते साढ़े 5 वर्ष में जो प्रयास किए हैं, उनके नतीजे अब नजर आने लगे हैं। मिशन शक्ति (Mission Shakti) के माध्यम से महिलाओं को सुरक्षा, सम्मान और स्वालंबन प्रदान किया जा रहा है। CM योगी के मार्गदर्शन में लॉ एंड ऑर्डर (law and order) की स्थिति में आए सुधार से महिलाओं और बच्चों के खिलाफ होने वाले अपराधों में उल्लेखनीय कमी दर्ज की गई है। सेक्स रेशियो में भी लड़कियों की संख्या में वृद्धि (Growth)हुई है और बाल विवाह (Child Marriage) में भी कमी आई है। साथ ही लड़कियों के स्कूल में प्रवेश की संख्या में बढ़ोतरी दर्ज की गई है।

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YOGI सरकार के राज में आधी आबादी हुई 'शक्तिशाली'
NCRB 2021 के आंकड़ों के अनुसार, महिलाओं के खिलाफ अपराधों में जहां देश का औसत 64.5 रहा है तो वहीं उत्तर प्रदेश में यह 50.5 रहा। NCRB के अनुसार 2021 में जब देश में महिलाओं के खिलाफ अपराध करने वाले अपराधियों को सजा दिलाने का प्रतिशत महज 26.6 था तो उत्तर प्रदेश में यह 59.1 पर पहुंच गया था। इसी तरह, नेशनल फैमिली हेल्थ (National Family Health) सर्वे-5 के अनुसार 2019-21 के दौरान जहां बाल विवाह की दर देश में 23.3 प्रतिशत थी तो उत्तर प्रदेश में यह मात्र 15.8 प्रतिशत रही। सेक्स रेशियो (Sex Ratio) की बात करें तो 2019-21 के दौरान देश में प्रति 1000 पर 929 बेटियां पैदा हो रही थी तो उत्तर प्रदेश में यह आंकड़ा 941 बेटियों का था। 2015-16 में यह संख्या मात्र 903 थी।

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सुरक्षा और सम्मान में हुई वृद्धि
अगर योजनाओं के क्रियान्वयन की बात करें तो प्रदेश में महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान के लिए 80 पिंक बसों का संचालन किया जा रहा है। 100 पिंक बूथ बनाए गए हैं तो 110 पिंक पेट्रोल बन चुके हैं। यही नहीं, 2 करोड़ बेटियों का स्कूल में दाखिला कराया गया है। बस स्टॉप पर 240 पब्लिक एड्रेस सिस्टम लगाए गए हैं। सभी जिलों में वुमेन चाइल्ड प्रोटेक्शन प्लान तैयार किया गया है। सभी जिलों में जेंडर सेनेटाइजेशन वर्कशॉप (Gender Sanitization Workshop) का आयोजन किया गया है। प्रदेश में 18 फॉरेंसिंग लैब्स (Forensic Labs) का गठन किया गया, जबकि 11528 ड्राइवरों को व्यवहारिक प्रशिक्षण प्रदान किया गया है।

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महिलाओं और बेटियों की सुरक्षा में हुआ बड़ा सुधार
महिलाओं के खिलाफ अपराधों की बात की जाए तो समयबद्ध तरीके से अपराधियों को सजा दिलाने का काम सरकार कर रही है। पोक्सो के तहत कन्विक्शन रेट (Conviction Rate) जो 2020 में 535 का था वो 2022 में 294 प्रतिशत तक बढ़कर 2110 पर पहुंच गया है। इसी तरह रेप के मामलो में 2020 के 177 की तुलना में 254 प्रतिशत बढ़कर 627 हो गया। इसके तहत ज्यूडिशियरी (Judiciary), प्रॉसीक्यूशन (Prosecution) और पुलिस (Police) के बीच बेहतर समन्वय स्थापित किया गया है। मैकेनिज्म की मॉनिटरिंग को मजबूत किया गया तो ई प्रॉसीक्यूशन के लिए नियमित प्रशिक्षण उपलब्ध कराया गया। महत्वपूर्ण ट्रायल स्तरों पर SOP तय की गई, जबकि विटनेस (Witness) की क्रॉस एग्जामिनेशन (Cross Examination) की तैयारी कराई गई।

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अपराधों पर लगा अंकुश
महिलाओं की सुरक्षा को लेकर वुमेन एंड चाइल्ड सिक्योरिटी ऑर्गनाइजेशन (WCSO) का गठन किया गया। इसका उद्देश्य महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए 360 डिग्री इकोसिस्टम तैयार करना है। संस्था का प्रयास महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधों पर अंकुश लगाना है। इसके लिए विभिन्न पुलिस यूनिट्स के एक कॉमन प्लेटफॉर्म के तहत लाया गया है। पुलिस और सिविल सोसायटी के बीच गैप को भरने की कोशिश की गई है ताकि दोनों के बीच भरोसा बढ़ सके। साथ ही सेमिनार और वर्कशॉप के माध्यम से जागरूकता लाने का प्रयास किया गया है। WCSO की कोशिशों के तहत वुमेन पावर लाइन 1090 काम कर रही है। प्रत्येक जिले में एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट्स (Anti Human Trafficking Units) बनी है। 3195 एंटी रोमियो स्क्वाड (Anti Romeo Squad) काम कर रहे हैं। सभी पुलिस थानों में वुमेन हेल्प डेस्क काम कर रही है। 3000 पिंक बूथ व 250 पिंक पेट्रोल (Pink Petrol) काम कर रहे हैं। 10417 नई महिला पुलिस बीट बनी हैं। 20740 प्रशिक्षित महिलाओं को बीट पुलिस अधिकारी नियुक्त किया गया है। 3 एक्सक्लूसिव वूमेन कांस्टेबल पीएसी बटालियन (Exclusive Women Constable PAC Battalion) का निर्माण हो रहा है तो साइबर सेफ्टी (Cyber Safety), साइबर बुलिंग (Cyber Bullying) के अलावा सभी सुविधाओं से युक्त साइबर फॉरेंसिक यूनिट (Cyber ​​Forensic Unit) शुरू की गई है।

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सशक्त हुईं महिलाएं
महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए भी प्रदेश सरकार लगातार काम कर रही है। इसके तहत 218 नए फास्ट ट्रैक कोर्ट बनाए गए हैं। एक करोड़ महिलाओं को 10 लाख सेल्फ हेल्प ग्रुप के माध्यम से स्वरोजगार से जोड़ा गया है। 42.70 लाख पीएम आवास प्रदान किए गए हैं। 58 हजार बीसी सखी ग्राम पंचायतों में कार्यरत हैं। स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत 2.67 करोड़ शौचालय का निर्माण हो चुका है। 1.74 करोड़ उज्ज्वला कनेक्शन वितरित किए गए हैं। महिलाओं की सुरक्षा के लिए 16 शहरों में 262 इमरजेंसी कॉल बॉक्स बनाए गए हैं। यही नहीं, मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के माध्यम से 14.25 लाख लड़कियों को सोशल सिक्योरिटी के लिए कैश ट्रांसफर किया गया है।


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Content Editor

Harman Kaur

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