UP: लखनऊ-दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग में बाधा बन रहे हनुमान मंदिर को एक फीट पीछे हटाया, 67 फीट पीछे ले जाने की है योजना
punjabkesari.in Wednesday, Dec 28, 2022 - 02:08 PM (IST)
शाहजहांपुर: उत्तर प्रदेश में शाहजहांपुर के लखनऊ-दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग के चौड़ीकरण में बाधा बन रहे प्राचीन लहनुमान मंदिर को पूजा-अर्चना के बाद जैक और चैनल के सहारे एक फीट पीछे हटा दिया गया। जिले के तिलहर क्षेत्र की उपजिलाधिकारी (एसडीएम) राशि कृष्णा ने बुधवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि राजमार्ग के चौड़ीकरण के लिए मंदिर को 67 फीट पीछे खिसकाने की कार्ययोजना बनाई गई है।
250 जैक के सहारे पूरे मंदिर को उठाया गया
कृष्णा ने बताया कि कछियानी खेड़ा स्थित हनुमान मंदिर को पीछे खिसकाने की कवायद 16 अक्टूबर को शुरू हुई थी। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश में पहली बार इस तकनीक का प्रयोग हो रहा है, जिसके तहत पूरे मंदिर को खिसकाकर 67 फीट पीछे ले जाया जाएगा। कृष्णा के मुताबिक, मंगलवार शाम पूजा-अर्चना के बाद मंदिर को पीछे खिसकाने का काम शुरू किया गया। इस दौरान एनएचआई के अधिकारी और पुलिस बल भी मौजूद रहा। उन्होंने बताया कि मंगलवार दोपहर 250 जैक के सहारे पूरे मंदिर को उठाया गया और फिर शाम तक करीब एक फीट पीछे खिसका दिया गया। आने वाले दिनों में मंदिर को 67 फीट तक पीछे ले जाने की योजना है।
बाबू अली ने की अपनी एक बीघा जमीन प्रशासन के नाम पर बैनामा
इस बीच, हनुमान मंदिर के महंत राम लखन गिरी ने कहा, “मंदिर को पीछे ले जाने में हमारी कोई सहमति नहीं है। इस मंदिर को न हटाए जाने के संबंध में दो मुकदमे अदालत में विचाराधीन हैं। उपजिलाधिकारी मंदिर कमेटी की अध्यक्ष हैं और वह अपने नेतृत्व में इसे पीछे खिसकवाने का काम कर रही हैं।” इससे पहले, अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) रामसेवक द्विवेदी ने बताया था कि मंदिर को स्थानांतरित करने में जमीन की दिक्कत आ रही थी, लेकिन यहां के बाबू अली ने अपनी एक बीघा जमीन प्रशासन के नाम पर बैनामा कर दी है। इससे मंदिर को स्थानांतरित करने की अड़चन खत्म हो गई है।
हिंदू-मुस्लिम एकता की मिसाल बने ‘बाबू अली’
उपजिलाधिकारी कृष्णा ने बताया कि बाबू अली द्वारा अपनी एक बीघा जमीन का बैनामा प्रशासन के नाम पर किया गया है, जिसमें एक क्रेता के रूप में उन्होंने हस्ताक्षर किए हैं तथा इसी जमीन पर हनुमान मंदिर को स्थानांतरित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि बाबू अली ने गंगा-जमुनी तहजीब को कायम रखते हुए हिंदू-मुस्लिम एकता की मिसाल कायम की है।
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