नफरती भाषण मामला: आजम खां को आवाज का नमूना देने के निचली अदालत के आदेश पर SC ने लगाई रोक

punjabkesari.in Wednesday, Aug 23, 2023 - 11:54 AM (IST)

नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने निचली अदालत के उस आदेश पर बुधवार को अंतरिम रोक लगा दी, जिसके तहत समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता आजम खां को 2007 में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती के खिलाफ कथित तौर पर नफरत भरा भाषण देने और अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल करने के मामले में आवाज का नमूना देने का निर्देश दिया गया था। आजम की आवाज का नमूना 2007 में रामपुर के टांडा इलाके में एक जनसभा में उनके द्वारा दिए गए भाषण से मिलान के लिए मांगा गया था। इस भाषण को एक सीडी में रिकॉर्ड किया गया था। 
PunjabKesari
न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति पी के मिश्रा की पीठ ने इस मामले में आजम की ओर से दायर याचिका पर उत्तर प्रदेश सरकार और शिकायतकर्ता को नोटिस जारी किया। पीठ ने कहा कि प्रतिवादी को नोटिस जारी करें। इस बीच, निचली अदालत के 29 अक्टूबर 2022 के उस आदेश पर अंतरिम रोक रहेगी, जिसे उच्च न्यायालय ने 25 जुलाई 2023 को बरकरार रखा था।'' आजम ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के 25 जुलाई के आदेश के खिलाफ शीर्ष अदालत का रुख किया था। उच्च न्यायालय ने आजम की याचिका का निपटारा करते हुए मामले में रामपुर की अदालत का फैसला बरकरार रखा था। धीरज कुमार शील नाम के एक व्यक्ति ने 2007 में आजम के खिलाफ टांडा पुलिस थाने में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण)अधिनियम के तहत शिकायत दर्ज कराई थी। 
PunjabKesari
शील ने सपा नेता पर नफरत भरा भाषण देने और बसपा अध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेश की तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती के खिलाफ कथित तौर पर अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया था। रामपुर में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 504 (शांति भंग करने के इरादे से जानबूझकर अपमान करना) और 171-जी (चुनाव के संबंध में गलत बयान देना) के तहत मामला दर्ज किया गया था। पुलिस ने आजम के खिलाफ जनप्रतिनिधित्व अधिनियम और अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम की प्रासंगिक धाराएं भी लगाई थीं। 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Tamanna Bhardwaj

Related News

static