Hathras Stampede Case: जिन्हें देखने के चक्कर में मारे गए सैंकड़ों बेगुनाह, आखिर कौन हैं भोले बाबा?

punjabkesari.in Wednesday, Jul 03, 2024 - 07:35 PM (IST)

उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले के सिकंदराराऊ कस्बे के फुलरई गांव में मंगलवार को बड़ा हादसा हो गया… यहां साकार हरि बाबा का एक दिवसीय सत्संग चल रहा था…  जहां पर बच्चों के साथ महिलाएं और पुरुष बाबा का प्रवचन सुन रहे थे… लगभग पौने दो बजे सत्संग खत्म हुआ, बाबा के अनुयायी बाहर सड़क की ओर जाने लगे... तभी अचानक से वहां भगदड़ मच गई… हादसे में अब तक आधिकारिक तौर पर 121 लोगों की मौत की खबर है... इतनी बड़ी तादाद में मौत की खबर सुनकर हर व्यक्ति का दिल दहल गया है... चारों तरफ लाशें और चीत्कार के अलावा कुछ सुनाई नहीं दे रहा... सत्संग में हुई भगदड़ के बाद अब लोगों के मन में एक ही सवाल उठ रहा है... के आखिर कौन है वो भोले बाबा जिनका प्रवचन सुनने के लिए इतनी भारी संख्या में श्रद्धालु हाथरस पहुंचे थे... और भगदड़ में 121 लोगों की मौत हो गई।

बता दें, कि भोले बाबा का सत्संग पश्चिमी यूपी के लोगों में ज्यादा विख्यात है... बाबा का सत्संग अक्सर पश्चिम के जिलों में देखने मिल जाता है... जिसमें बड़ी तादाद में श्रद्धालु पहुंचते है... भोले बाबा की आज लाखों की संख्या में अनुयायी है... आपको बता दें, साकार हरि बाबा उर्फ भोले बाबा का असली नाम सूरज पाल सिंह है... भोले बाबा मूलरुप से कासगंज में पटियाली गांव के रहने वाले हैं... इन्होंने यहां अपना आश्रम बनाया है... संत बनने से पहले भोले बाबा यूपी पुलिस की नौकरी करते थे... लेकिन 18 साल की नौकरी के बाद इन्होंने वीआरएस ले लिया था... जिसके बाद वे अपने गांव में झोपड़ी बनाकर रहने लग गए... इसके बाद भोले बाबा ने गांव-गांव जाकर भगवान की भक्ति का प्रचार शुरु कर दिया... इस दौरान इससे उन्हें खासा चंदा भी मिलने लगा... जिसके बाद भोले बाबा जगह-जगह सत्संग का आयोजन करने लगे... देखते ही देखते बाबा की पूरी लाइफस्टाइल चेंज हो गई... आज भोले बाबा की लाखों की संख्या में अनुयायी है... इनके जगह-जगह सत्संग के आयोजन होते रहते है... जिसमें लाखों की संख्या में श्रद्धालु सत्संग सुनने के लिए पहुंच जाते है।

सूरज पाल उर्फ भोले बाबा दूसरे संतों से बिल्कुल अलग है... उनकी लाइफस्टाइल भी दूसरे संतों से मेल नहीं खाती... आमतौर पर संत धोती कुर्ता या फिर भगवा रंग के कपड़ों में नजर आते हैं... मगर, भोले बाबा उर्फ सूरज पाल हमेशा सफेद रंग की पैंट शर्ट में दिखते है... और सिंहासन पर बैठकर प्रवचन सुनाते है... भोले बाबा के अनुयायी ज्यादातर गुलाबी शर्ट-पैंट और सफेद टोपी पहनते है... भोले बाबा के अनुयायी सिर्फ उत्तर प्रदेश में ही नहीं बल्कि दूसरे राज्य यानी राजस्थान, मध्यप्रदेश में भी बड़ी तादाद में हैं... जहां भी सत्संग का आयोजन होता है... बाबा के अनुयायी पूरी व्यवस्था संभालते है... आपको बता दें बाबा की खुद के एक टीम है जो हमेशा काले रंग के पोशाक में रहते है... अनुयायियो में तमाम महिला, पुरुष ऐसे हैं जो सत्संग में व्यवस्था संभालने के लिए यूनिफॉर्म में आते है... भोले बाबा सोशन मीडिया पर भी एक्टिव रहते है... उनके यूट्यूब चैनल के हजारों सब्सक्राइबर्स है... और फेसबुक पर भी बाबा एक्टिव है।

आपको बता दें, 2 साल पहले भी जब देश में कोरोना की लहर चल रही थी, उस समय उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद में मई, 2022 में इनके सत्संग का आयोजन किया गया था... जिला प्रशासन की ओर से सत्संग में केवल 50 लोगों के शामिल होने की अनुमति दी गई थी, लेकिन कानून की धज्जियां उड़ाते हुए 50,000 से अधिक लोग सत्संग में शामिल हुए थे... यहां उमड़ी भीड़ के चलते शहर की यातायात व्यवस्था ध्वस्त हो गई थी। फिलहाल हाथरस भगदड़ हादसे पर अपडेट ये है कि यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ खुद हाथरस पहुंचकर हालातों का जायजा ले रहे है... इसके साथ ही हादसे की जांच पड़ताल तेजी से चल रही है... सत्संग के आयोजकों, मुख्य सेवादार और अन्य पर FIR दर्ज की गई है... जिसके बाद मामले में आगे की कार्रवाई की जा रही है।


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Content Editor

Anil Kapoor

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