सोशल डिस्टेंसिंग में लापरवाही को लेकर प्रशासन से खफा High Court, दी ये चेतावनी

punjabkesari.in Thursday, Aug 06, 2020 - 01:23 PM (IST)

प्रयागराजः इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप और सोशल डिस्टेंसिंग नियमों के पालन में शासन की लापरवाही को गंभीरता से लिया है और सख्त लहजे में चेतावनी दी है कि यदि शासन की सोशल डिस्टेन्सिंग नियमों के पालन में लापरवाही की शिकायत मिली तो न्यायालय स्वयं कार्रवाई करने को विवश होगी।

न्यायालय ने कहा है कि जिला प्रशासन व पुलिस की जिम्मेदारी है कि वह केन्द्र सरकार के मास्क पहनने व शारीरिक दूरी बनाये रखने के नियमों का कड़ाई से पालन कराये। क्वारेन्टाइन सेन्टरों की दुर्दशा व अस्पतालों में इलाज की बेहतर सुविधाओं को लेकर कायम जनहित याचिका की सुनवाई कर रही न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा तथा न्यायमूर्ति अजित कुमार की खंडपीठ ने सरकारी कारर्वाई पर असंतोष जताते हुए यह आदेश दिया है।

न्यायालय ने प्रदेश के सभी जिला अधिकारियों व पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिया है कि दो गज की शारीरिक दूरी व मास्क पहनने के नियम का पालन न करने वाली दुकानें बंद कर मालिक के खिलाफ कारर्वाई की जाय। यदि पुलिस ढिलाई बरते तो लापरवाह पुलिस के खिलाफ भी कारर्वाई की जाय। साथ ही अस्पताल , नर्सिंग होम या क्लीनिक की ओ पी डी में भीड हो,और सोसल डिस्टेन्सिंग का पालन न हो रहा हो तो इन पर भी कारर्वाई की जाय। न्यायालय ने कहा है कि हाईकोर्ट में मुकद्दमें के दाखिले में नियमों का कड़ाई से पालन कराया जाय। न्यायालय ने बार एसोसिएशन, महानिबंधक व जिला प्रशासन को शारीरिक दूरी बनाये रखने के लिए कदम उठाने के निर्देश दिये हैं।

नगर निगम प्रयागराज को समयबद्ध कार्य योजना के तहत अतिक्रमण हटाने की कारर्वाई करने का निर्देश दिया है और की जा रही कारर्वाई को संतोषजनक नहीं माना है। कोर्ट ने नगर आयुक्त को अगली सुनवाई की तिथि 7अगस्त को तलब किया है। न्यायालय ने कहा है कि पति -पत्नी के शिवाय किसी दो पहिया वाहन पर दो सवारी की अनुमति न दी जाए। केवल बहुत जरूरी होने पर दोपहिया वाहनों पर दो सवारी की अनुमति दी जा सकती है। न्यायालय ने महानिबंधक को 12 घंटे में आदेश की प्रति प्रदेश के सभी जिलाधिकारी, एस एस पी व एस पी को भेजने का आदेश दिया है।

कोर्ट ने कहा है कि प्रदेश के हर जिले में सोसल डिस्टेन्सिंग व मास्क पहनने के नियम का कड़ाई से पालन कराया जाय। न्यायालय ने कोरोना टेस्ट रिपोर्ट आने में हफ्तों की देरी पर नाराजगी जताई है और सी एम ओ प्रयागराज से 20 जुलाई से 5 अगस्त के बीच टेस्ट की तारीख व रिपोटर् देने की तारीख के व्योरे के साथ हलफनामा मांगा है। और कहा है कि हर व्यक्ति शारीरिक दूरी बनाये रखने व मास्क पहनने के नियम का पालन करे। अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल का कहना था कि टेस्ट रिपोर्ट आने में देरी बैकलाग के कारण हो रही थी। अब समय से जांच रिपोर्ट दी जा रही है। लेकिन इसे न्यायाल ने सही नही माना और सी एम ओ से हलफ़नामा मांगा है।

न्यायालय ने आदेश की शुरुआत ही ''दो गज की दूरी,मास्क है जरूरी ''से किया और सख्त टिप्पणी की कि न तो सरकार नियमो का पालन कराने मे रूचि ले रही है और न ही लोग इसके पालन करने में रूचि ले रहे हैं। लोगों ने अनलाक को गलत तरीके से समझा।लोग स्वतंत्र घूम रहे हैं और एक दूसरे से मिल रहे है।दूकानो मे भीड है। शारीरिक दूरी का पालन नही हो,रहा। दूकानो पर नियमो की अनदेखी हो रही है और पुलिस कारर्वाई नही कर रही। नगर निगम के अतिक्रमण हटाने की रिपोर्ट से लगता है कि बहुत अच्छी कार्यवाही की जा रही है।

किन्तु याची अधिवक्ता द्वारा पेश फोटोग्राफ अलग कहानी बता रहे है। कोरोना पर सरकारी डाटा से लगता है कि स्थिति नियंत्रण में है। किन्तु संक्रमण बढ रहा है। अखबारों की रिपोर्ट उत्साहवर्धक नही है। लोग प्राइवेट अस्पतालों में इलाज करा रहे हैं। सरकारी व्यवस्था मे लैप्स है। लोगो को समय से जांच रिपोर्ट नही मिल पा रही है। इन सभी मुद्दों पर सात अगस्त को सुनवाई होगी। 


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Tamanna Bhardwaj

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