Loksabha Election 2024: रायबरेली लोकसभा सीट का इतिहास, कब किसने किसको हराया ?
punjabkesari.in Wednesday, Apr 03, 2024 - 12:52 PM (IST)
Loksabha Election 2024: रायबरेली सीट पूरे देश में सबसे हॉट सीट मानी जाती है क्योंकि देश के सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी कांग्रेस का अभेद्य दुर्ग रायबरेली सीट ही है, यहां से फिरोज गांधी, इंदिरा गांधी और सोनिया गांधी संसद पहुंचे हैं। इसलिए इस सीट पर सबकी निगाहें रहती है। आज़ादी के बाद से अब तक इस सीट पर 17 लोकसभा चुनाव और 3 बार उपचुनाव हो चुके हैं। जिसमें 17 बार कांग्रेस ने जीत हासिल की है। जबकि एक बार जनता पार्टी और 2 बार बीजेपी ने चुनाव जीता है। ये जीत विपक्षी पार्टियों को अधिकतर तब मिली। जब गांधी परिवार का कोई सदस्य यहां से चुनाव नहीं लड़ा।
अगर बात करें इस सीट के राजनीतिक इतिहास की तो पहली बार 1952 के चुनाव में इंदिरा गांधी के पति फिरोज गांधी यहां से जीत कर संसद पहुंचे थे, लेकिन 1962के चुनाव में ये सीट आरक्षित कर दी गई। जिससे यहां आरक्षित कोटे से 1962 में बैजनाथ कुरील जीते। लेकिन 1967 के चुनाव में ये सीट फिर से सामान्य वर्ग के लिए कर दी गई। तब जवाहरलाल नेहरू की पुत्री और फिरोज गांधी कि पत्नी इंदिरा गांधी यहां से चुनाव लड़ी और जीत कर संसद पहुंची। इंदिरा इस सीट से 1971 में भी चुनाव जीती। लेकिन इमरजेंसी के बाद 1977 में हुए चुनाव में जनता पार्टी के राजनारायण ने इंदिरा को चुनाव हरा दिया।
इसके बाद साल1980 में हुए आम चुनाव में इंदिरा एक बार फिर रायबरेली से मैदान में उतरी और भारी मतों से जीत कर संसद पहुंची। फिर साल1984 में जवाहर लाल नेहरू के भतीजे अरुण कुमार नेहरू यहां से सांसद चुने गए। 1989 और 1991 में कांग्रेस से शीला कौल ने यहां जीत दर्ज की। 1996 और 1998 में बीजेपी से अशोक सिंह यहां पहली बार कमल खिलाने में कामयाब रहे। इसके बाद से किसी दूसरे दल का खाता इस सीट पर नहीं खुल सका है और कांग्रेस ही लगातार इस सीट से जीतती आ रही है। 1999 में कैप्टन सतीश शर्मा कांग्रेस के टिकट पर यहां से चुनाव जीते। लेकिन अगले ही चुनाव 2004 में यहां से राजनीति में कदम रखने वाली सोनिया गांधी चुनाव लड़ी और जीती। इसके बाद से यहां सोनिया गांधी ही जीतती रही है।
रायबरेली लोकसभा में 5 विधानसभा
रायबरेली लोकसभा के अंतर्गत 5 विधानसभा क्षेत्र आते हैं। इनमें बछरावां, हरचंदपुर, रायबरेली, सरेनी और ऊंचाहार शामिल है।
2022 के विधानसभा चुनाव में बछरावां, हरचंदपुर और सरेनी सीट पर समाजवादी पार्टी ने जीत दर्ज की। जबकि रायबरेली और ऊंचाहार सीट बीजेपी के पास है।
एक नजर 2019 में हुए लोकसभा चुनाव के मतदाताओं की संख्या पर
2019 में हुए लोकसभा चुनाव में रायबरेली सीट पर कुल 16 लाख 50 हज़ार 806 वोटर अपने मत का प्रयोग किया था। जिनमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 8 लाख 70 हज़ार 969 थी। जबकि महिला वोटरों की संख्या 7 लाख 89 हजार 793 थी.. वहीं ट्रांस जेंडर वोटरों की संख्या 44 रही।
एक नजर 2019 लोकसभा चुनाव के नतीजों पर
रायबरेली लोकसभा सीट पर साल 2019 में हुए चुनाव पर नज़र डालें, तो इस सीट पर कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी ने जीत दर्ज की थी।सोनिया गांधी ने भाजपा के दिनेश प्रताप सिंह को लगभग 2 लाख वोटों के अधिक अंतर से हराया था। सोनिया गांधी को कुल 5 लाख 34 हजार 918 वोट मिले थे। जबकि भाजपा के दिनेश प्रताप सिंह को 3 लाख 67 हजार 740 वोट मिले।
एक नजर 2014 लोकसभा चुनाव के नतीजों पर
अब अगर एक नजर 2014 के लोकसभा चुनाव पर डालें तो ये सीट मोदी लहर में भी कांग्रेस अपने पाले में खींचने में कामयाब रही थी। रायबरेली से सोनिया गांधी ने बीजेपी के अजय अग्रवाल को हराया था। सोनिया गांधी को कुल 5 लाख 26 हज़ार 434 वोट मिले थे। जबकि अजय अग्रवाल को कुल 1 लाख 73 हज़ार 721 वोट मिले थे। वहीं तीसरे नंबर पर बसपा के प्रवेश सिंह थे, जिन्हें कुल 63 हज़ार 633 वोट मिले थे।
एक नजर 2009 लोकसभा चुनाव के नतीजों पर
रायबरेली लोकसभा सीट पर साल 2009 में हुए चुनाव पर नज़र डालें तो इस सीट पर सोनिया गांधी चुनाव जीती थी। सोनिया गांधी को कुल 4 लाख 81 हज़ार 490 वोट मिले थे। जबकि दूसरे नंबर पर बसपा के आरएस कुशवाहा मैदान में थे। कुशवाहा को कुल 1 लाख 9 हज़ार 325 वोट मिले थे..वहीं तीसरे नंबर पर बीजेपी के आर बी सिंह रहे। आरबी सिंह को कुल 25 हज़ार 444 वोट मिले थे।
2006 के उपचुनाव के नतीजे
रायबरेली लोकसभा सीट पर साल 2006 में उपचुनाव भी हुए थे। जिसमें कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी ने जीत दर्ज की थी। सोनिया गांधी को कुल 4 लाख 74 हजार 891 वोट मिले थे। जबकि दूसरे नंबर पर सपा के राजकुमार रहे। जिन्हें 57 हजार 3 वोट मिले थे...वहीं तीसरे नंबर पर बीजेपी के विनय कटियार को 19 हज़ार 657 वोट मिले थे।
एक नजर 2004 लोकसभा चुनाव के नतीजों पर
साल 2004 में हुए लोकसभा चुनाव में सोनिया गांधी रायबरेली सीट से पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ी थी। इस चुनाव में सोनिया गांधी के खिलाफ बीजेपी के अशोक कुमार सिंह मैदान में थे। लेकिन सोनिया चुनाव जीत गई। सोनिया को कुल 3 लाख 78 हज़ार 107 वोट मिले थे। जबकि दूसरे नंबर पर बीजेपी के अशोक कुमार सिंह रहे। अशोक को कुल 1 लाख 28 हज़ार 342 वोट मिले थे। वहीं तीसरे नंबर पर बसपा के राजेश यादव रहे। राजेश को कुल 57, 543 वोट मिले थे।
यह सीट हमेशा से कांग्रेस का गढ़ रहा
रायबरेली संसदीय सीट के राजनीतिक इतिहास को देखें तो यह सीट हमेशा से कांग्रेस का गढ़ रहा है। बीजेपी को महज 2 बार ही रायबरेली सीट पर जीत मिली है। यहां पर 3 उपचुनावों समेत कुल 20 चुनाव में कांग्रेस को 17 बार जीत मिली है। सपा और बसपा का यहां अब तक खाता तक नहीं खुल सका है। रायबरेली संसदीय सीट पर किसी तरह का जातीय समीकरण काम नहीं करता है। यहां पर हमेशा से ही कांग्रेस का दबदबा रहा है। 2019 के चुनाव में यहां पर अनुसूचित जाति के वोटर्स की संख्या 32 फीसदी से ज्यादा थे। यहां पर ब्राह्मण वोटर्स की संख्या 11 फीसदी थी तो ठाकुर बिरादरी के वोटर्स 9 फीसदी थे। तो वहीं लोध और कुर्मी वोटर निर्णायक भूमिका में रहते हैं। बात अगर 2024 के लोकसभा चुनाव की करें तो अब तक भाजपा और कांग्रेस ने यहां उम्मीदवार नहीं उतारे हैं। ऐसे में देखने वाली बात होगी कि बीजेपी कांग्रेस के गढ़ में किस पर दांव खेलती हैं।