दलित सांसदों की नाराजगी और परिषदीय चुनाव के मद्देनजर शाह के UP दौरे पर सबकी निगाहें

punjabkesari.in Monday, Apr 09, 2018 - 03:20 PM (IST)

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के कुछ दलित सांसदों की नाराजगी और विधान परिषद की 13 सीटों पर होने वाले चुनाव के मद्देनजर भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के 11 अप्रैल के लखनऊ दौरे पर सबकी निगाहें टिकी हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कल दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात का असर राज्य की राजनीति में देखने को मिल सकता है। कुछ दलित सांसदों का विद्रोह, विधान परिषद की 13 सीटों पर चुनाव और भविष्य में मंत्रिमंडल में फेरबदल जैसे मसले पर पार्टी अध्यक्ष प्रदेश के नेताओं की नब्ज टटोलेंगे। पिछड़ा कल्याण मंत्री ओम प्रकाश राजभर से भी उनकी मुलाकात प्रस्तावित है।

भाजपा अध्यक्ष अमित शाह 11 अप्रैल को लखनऊ दौरे पर आ रहे हैं। दलित सांसदों का विद्रोह और विधान परिषद की सीटों पर होने चुनाव के मद्देनजर शाह के दौरे को महत्वपूर्ण माना जा रहा है। माना जा रहा है कि उनके दौरे से भाजपा के अन्दर चल रही गतिविधियों पर लगाम लगेगी। भाजपा राज्य में दलित आंदोलन को लेकर आंतरिक और बाहरी दोनों तरह की चुनौतियों से जूझ रही है। डैमेज कंट्रोल के लिए भाजपा ने अपने दलित नेताओं को आगे जरूर किया है।

सरकार के साझीदार सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी(भासपा) के अध्यक्ष और पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री ओमप्रकाश राजभर का भी मुद्दा शामिल होगा। राजभर भी लंबे समय से अपनी ही सरकार के खिलाफ बयान दे रहे हैं। उम्मीद की जा रही है कि भाजपा अध्यक्ष के दौरे के बाद इस मामले का हल निकलेगा।

राज्य विधान परिषद की 13 सीटों पर चुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया सोमवार से शुरू हो गई है। भाजपा को संख्या बल के आधार पर इसमें 11 सीटें मिलनी तय है। पार्टी नेतृत्व ने अभी किसी के नाम की घोषणा नहीं की है। भाजपा अध्यक्ष के आने के बाद इसमें अन्तिम मुहर लगेगी। दलित आन्दोलन को देखते हुए भाजपा कुछ दलितों को विधान परिषद के चुनाव में उतार सकती है। पिछले दिनों विधान परिषद की सदस्यता से इस्तीफा देकर बसपा छोड़कर भाजपा में शामिल हुए ठाकुर जयवीर सिंह, यशवंत सिंह, सरोजिनी अग्रवाल और बुक्कल नवाब की दावेदारी भी बढ़ी है।


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